दिल्ली हाईकोर्ट ( Delhi high court) ने एक महत्वपूर्ण फैसले के दौरान टिप्पणी में कहा है कि किसी की प्रतिष्ठा के साथ खिलवाड़ सोशल मीडिया के मौजूदा दौर में बच्चों का खेल हो गया है. यूएन में पूर्व अधिकारी लक्ष्मी पुरी (Lakshmi Puri) की याचिका पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने ये टिप्पणी की. हाईकोर्ट ने फैसले में RTI एक्टिविस्ट साकेत गोखले (Saket Gokhale) से लक्ष्मी पुरी के खिलाफ सभी ट्वीट डिलीट करने को कहा है. लक्ष्मी पुरी संयुक्त राष्ट्र में असिस्टेंट सेक्रेटरी जनरल रही हैं. लक्ष्मी पुरी ने गोखले से सारे ट्वीट हटवाने की मांग को लेकर याचिका दायर की थी.
कोर्ट ने कहा, लक्ष्मी पुरी या उनके पति द्वारा अपार्टमेंट की खरीद या वैधानिक एजेंसियों के समक्ष इसके खुलासे में अनियमितता या पारदर्शिता में कमी का अंश भी उसे नहीं मिला. कोर्ट ने कहा, उसने बेहद गहना ते दोनों हलफनामों और उसके साथ के संलग्नकों का अध्ययन किया और प्रथमदृष्टया यह पाया कि स्विट्जरलैंड के अपार्टमेंट, उसकी कीमत, बैंक से लिए गए लोन के बारे में पूरी जानकारी दी गई थी.
कोर्ट के मुताबिक, प्रथमदृष्टया इस मामले में अनियमितता का कोई अंश या पारदर्शिता की कोई कमी नहीं पाई गई. हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि अगर गोखले ट्वीट डिलीट नहीं करते हैं तो ट्विटर इन यूआरएल (URL) को हटा दे.
जस्टिस सी हरिशंकर ने कहा, किसी की प्रतिष्ठा के साथ खिलवाड़ सोशल मीडिया के मौजूदा दौर में बच्चों का खेल हो गया है, बस जरूरत होती है कि आप एक सोशल मीडिया अकाउंट खोलें और उस पर मैसेज डाल दें. हजारों प्रतिक्रियाएं आती हैं और जिस व्यक्ति को निशाना बनाया गया होता है. उसकी प्रतिष्ठा धूमिल हो जाती है. हालांकि कोर्ट ने स्पष्ट किया कि उसकी यह राय मौजूदा मामले को लेकर है और वह आयकर एजेंसियों, चुनाव आयोग या किसी अन्य सांविधिक निकाय के कार्यक्षेत्र में दखल नहीं देना चाहता.
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