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This Article is From Mar 03, 2022

यूक्रेन में भारतीय विद्यार्थियों को बंधक बनाए जाने की कोई ख़बर नहीं : रूस के आरोप के बाद भारत

Russia Ukraine Crisis: रूसी सेना के प्रवक्ता ने एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा, "हमारी सूचना के मुताबिक, यूक्रेनी अधिकारियों ने खारकीव में भारतीय विद्यार्थियों के एक बड़े समूह को जबरन रोककर रखा हुआ है, जो यूक्रेनी सीमा से निकलकर बोलगोरोड जाना चाहते हैं..."

Ukraine Crisis: भारत ने कहा है कि यूक्रेन में भारतीय छात्रों को बंधक बनाए जाने की कोई ख़बर नहीं

यूक्रेन पर हमले में गति लाते हुए रूस के रक्षा मंत्रालय ने आरोप लगाया है कि यूक्रेनी फौजों ने खारकीव में भारतीय विद्यार्थियों के एक बड़े समूह को 'बंधक' बनाया हुआ है. रूसी सेना के प्रवक्ता ने एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा, "हमारी सूचना के मुताबिक, यूक्रेनी अधिकारियों ने खारकीव में भारतीय विद्यार्थियों के एक बड़े समूह को जबरन रोककर रखा हुआ है, जो यूक्रेनी सीमा से निकलकर बोलगोरोड जाना चाहते हैं..."

इस बीच, भारतीय विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा है कि यूक्रेन में भारतीयों को बंधक बनाए जाने जैसी कोई ख़बर नहीं मिली है. उन्होंने बताया कि भारतीयों को निकालने में यूक्रेन ऑथोरिटीज़ से पूरी मदद मिल रही है.

बागची ने यह भी कहा कि युद्धरत देश में मौजूद भारतीयों से विदेश मंत्रालय लगातार संपर्क में है. उन्होंने कहा, "किसी भी विद्यार्थी के बारे में बंधक होने जैसी कोई सूचना नहीं मिली है... हमने यूक्रेनी अधिकारियों से विशेष ट्रेनों की व्यवस्था करने का आग्रह किया है, ताकि विद्यार्थियों को खारकीव से देश की पश्चिमी सीमा से सटे देशों में ले जाया जा सके..."

इससे पहले, रूसी सेना के प्रवक्ता ने कहा था, "दरअसल, उन्हें बंधक बनाकर रखा गया है... रूसी सशस्त्र बल भारतीय नागरिकों की सुरक्षित निकासी के लिए सभी ज़रूरी कदम उठाने के लिए तैयार है, और उन्हें रूसी धरती से अपने सैन्य विमानों या भारतीय सैन्य विमानों के ज़रिये घर भेजेंगे, जैसा भी भारत प्रस्ताव रखेगा..."

रूस के इस दावे से कुछ ही वक्त पहले भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन से बात की थी और पूर्वी यूक्रेनी शहर खारकीव के हालात पर चर्चा की थी, जहां 1,000 से भी ज़्यादा भारतीय विद्यार्थी फंसे बताए जा रहे हैं.

सरकारी सूत्रों ने NDTV को जानकारी दी है कि खारकीव अब दरअसल रूस के नियंत्रण में है, और छात्राओं को पहले ही ट्रेन के ज़रिये यूक्रेन की पश्चिमी सीमा की ओर रवाना किया जा चुका है, जो लगभग 20 घंटे का सफर है.

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