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This Article is From Sep 28, 2019

चीन को भारत की दो टूक: हमारी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करें

UNGA में सामान्य बहस के दौरान चीनी विदेश मंत्री ने कश्मीर मुद्दा उठाते हुए कहा था कि इसे संयुक्त राष्ट्र चार्टर, सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और द्विपक्षीय समझौते के अनुसार शांतिपूर्वक सुलझाना चाहिए.

चीन को भारत की दो टूक: हमारी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करें
PoK से गुजरते 3,000 किलोमीटर लंबे आर्थिक गलियारे का निर्माण कर रहा है चीन
नई दिल्ली:

संयुक्त राष्ट्र महासभा सभागार (UNGA) में चीनी विदेश मंत्री वांग यी द्वारा जम्मू-कश्मीर का मुद्दे उठाने पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. भारत ने चीन से कहा है कि उसे भारत की संप्रभुरता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करना चाहिए. भारत की ओर से जारी बयान में कहा गया, 'चीन को भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करना चाहिए क्योंकि जम्मू और कश्मीर पूरी तरह से भारत का आंतरिक मामला है.' इसके साथ ही भारत ने चीन पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह पाकिस्तान में बन रहे आर्थिक गलियारे के जरिये पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) की यथास्थिति को बदलने का प्रयास कर रहा है. बता दें कि चीन अपने पश्चिमी शहर काश्गर को PoK से होते हुए ग्वादर बंदरगाह से जोड़ने के लिए 3,000 किलोमीटर लंबे आर्थिक गलियारे का निर्माण कर रहा है. इस गलियारे की कीमत 50 अरब डॉलर बताई जा रही है. 

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UNGA में सामान्य बहस के दौरान चीनी विदेश मंत्री ने कश्मीर मुद्दे को उठाते हुए कहा था कि इसे संयुक्त राष्ट्र चार्टर, सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और द्विपक्षीय समझौते के अनुसार शांतिपूर्वक सुलझाना चाहिए. इसके आगे चीनी विदेश मंत्री यांग ने कहा था, 'एकतरफा रूप से की गई कोई भी कार्रवाई यथास्थिति को नहीं बदलेगी.' चीनी मंत्री के बयान के जवाब में भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, 'चीन को अच्छी तरह पता है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न अंग है. साथ ही जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाना हमारा पूरी तरह से आंतरिक मामला है.' उन्होंने कहा, 'हम उम्मीद करते हैं कि अन्य देश भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करेंगे. इसके साथ ही PoK तथाकथित आर्थिक गलियारे के माध्यम से यथास्थिति बदलने के प्रयासों से बचेंगे.'

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5 अगस्त को केंद्र ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाकर जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया था. हालांकि विशेष राज्य का दर्जा हटाने से पहले केंद्र सरकार ने घाटी में बड़ी तादाद में सैनिक भेजे थे और वहां संचार की सभी सेवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया था. इसके साथ ही उन्होंने हजारों कश्मीरी नौजवानों और पूर्व मुख्यमंत्रियों को भी नजरबंद कर दिया था. वहीं हाल के दिनों में भारतीय सेना पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों की बढ़ती घुसपैठ की कोशिशों के बीच हाई अलर्ट पर है. पिछले दिनों सीमा पार से ड्रोन द्वारा हथियार भेजने खबरें भी आई थी, जिसके तहत भारतीय सेना ने पंजाब में हथियारों से भरे दो ड्रोन पकड़ने का दावा किया था. 

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