Tata ग्रुप अब भारत में आईफोन (Apple iPhone) बनाएगा. टाटा ग्रुप के साथ ताइवान की कंपनी विस्ट्रॉन (Wistron) फैक्ट्री के अधिग्रहण की डील को मंजूरी मिल गई है. टाटा ग्रुप की कंपनी टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड (TEPL) के साथ विस्ट्रॉन इन्फोकॉम मैन्युफैक्चरिंग (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड को बेचने की डील $125 मिलियन यानी करीब 1000 करोड़ रुपये में हुई है.
इलेक्ट्रॉनिक्स और टेक्नोलॉजी मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने शुक्रवार को सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी. मंत्री ने कहा कि टाटा ग्रुप (Tata Group) ढाई साल के अंदर डोमेस्टिक और ग्लोबल मार्केट के लिए भारत में एप्पल आईफोन बनाना शुरू कर देगा.
केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट किया, "@GoI_MeitY ग्लोबल इंडियन इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियों के विकास में पूरी तरह से समर्थन में खड़ा है. ये उन ग्लोबल इलेक्ट्रॉनिक ब्रांड्स का समर्थन करेगा, जो भारत को अपना विश्वसनीय विनिर्माण और प्रतिभा भागीदार बनाना चाहते हैं. भारत को ग्लोबल इलेक्ट्रॉनिक्स पावर बनाने के पीएम मोदी के लक्ष्य को साकार करना चाहते हैं. विस्ट्रॉन का ऑपरेशन संभालने के लिए टाटा टीम को बधाई."
PM @narendramodi Ji's visionary PLI scheme has already propelled India into becoming a trusted & major hub for smartphone manufacturing and exports.
— Rajeev Chandrasekhar 🇮🇳 (@Rajeev_GoI) October 27, 2023
Now within just two and a half years, @TataCompanies will now start making iPhones from India for domestic and global markets from… pic.twitter.com/kLryhY7pvL
विस्ट्रॉन फैक्ट्री कर्नाटक के साउथईस्ट में है. रिपोर्ट की मानें, तो मार्च 2024 तक विस्ट्रॉन इस फैक्ट्री से करीब 1.8 बिलियन डॉलर के Apple iPhone बनाएगी. टाटा इस फैक्ट्री में ग्लोबल मार्केट के लिए iPhone 15 की मैन्युफैक्चरिंग करेगी.
600 मिलियन डॉलर का है कंपनी का वैल्युएशन
विस्ट्रॉन फैक्ट्री का वैल्युएशन करीब 600 मिलियन डॉलर का है. इस डील को लेकर करीब एक साल से बातचीत चल रही थी. इस फैक्ट्री को आईफोन 14 मॉडल की मैन्युफैक्चरिंग के लिए जाना जाता है. इस फैक्ट्री में करीब 10,000 से ज्यादा लोग काम करते हैं.
विस्ट्रॉन क्यों बिकी?
रिपोर्ट की मानें, तो विस्ट्रॉन को नुकसान हो रहा है. क्योंकि ऐपल के शर्तों के तहत कंपनी को नुकसान उठाना पड़ रहा है. विस्ट्रॉन का कहना है कि ऐपल की तरफ से फॉक्सकॉन और पेगाट्रॉन के मुकाबले ज्यादा मार्जिन लिया जा रहा है. वही, चीन के मुकाबले भारत में अलग चुनौतियां है, जिससे भारत में कर्मचारियों के साथ काम करना मुश्किल हो रहा है. ऐसे में विस्ट्रॉन अपनी कंपनी बेचनी जा रही है.
विस्ट्रॉन ने 2008 में इंडियन मार्केट में की थी एंट्री
विस्ट्रॉन ने 2008 में इंडियन मार्केट में एंट्री की थी, तब कंपनी कई डिवाइसेस के लिए रिपेयर फैसिलिटी प्रोवाइड कराती थी. इसके बाद 2017 में कंपनी ने अपने ऑपरेशंस को एक्सपेंड किया और एप्पल के लिए आईफोन का प्रोडक्शन शुरू किया था.
12 सितंबर को लॉन्च हुई थी आईफोन 15 सीरीज
कैलिफोर्निया की टेक कंपनी एप्पल ने 12 सितंबर को अपने वंडरलस्ट इवेंट में 79,990 रुपये की शुरुआती कीमत में आईफोन 15 सीरीज को लॉन्च किया था. कंपनी ने वॉच सीरीज 9 और वॉच अल्ट्रा 2 भी पेश की. एप्पल ने पहली बार चार्जिंग के लिए टाइप-C पोर्ट दिया है.
टाइटेनियम की बॉडी
इस बार आईफोन-15 में 48 मेगापिक्सल का मेन कैमरा दिया गया है. आईफोन-15 और 15 प्लस में A16 बायोनिक चिप दी गई है. वहीं, आईफोन-15 प्रो और प्रो मैक्स में A17 प्रो चिप मिलेगी. प्रो मॉडल्स की बॉडी में टाइटेनियम का इस्तेमाल किया गया है.
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