दशहरे पर हर साल नागपुर में होने वाला राष्ट्रीय स्वयं सेवक के कार्यक्रम का प्रसारण आज दूरदर्शन पर किया गया। सुबह सबसे पहले झांकी दिखाई गई, इसके बाद संघ प्रमुख मोहन भागवत का भाषण लगातार दिखाया गया, जिसमें संघ प्रमुख ने अपने विचारों को रखा।
जाहिर है कि ये विचार राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के हैं। ऐसे में क्या मोहन भागवत का यह भाषण राष्ट्रीय चैनल दूरदर्शन पर प्रसारित होना ठीक है। इस पर सवालिया निशान लग रहे हैं।
क्या किसी संगठन के कार्यक्रम को प्रसारित करने के लिए दूरदर्शन के पास कोई मानक हैं। साथ ही यह सवाल कि किस आधार पर आरएसएस का यह कार्यक्रम दूरदर्शन पर प्रसारित हुआ। ऐसे में सवाल यह भी है कि क्या देश के दूसरे धार्मिक-सांस्कृतिक संगठनों के कार्यक्रमों का प्रसारण भी दूरदर्शन करेगा।
आखिर कौन-सी कसौटी है, जिसके आधार पर संघ का यह कार्यक्रम प्रसारित हुआ। बीते दस सालों से देश में यूपीए की सरकार थी, कभी भी आरएसएस प्रमुख के कार्यक्रम का प्रसारण दूरदर्शन पर नहीं हुआ था और इससे पहले भी जब बीजेपी की सरकार केंद्र में थी तब भी दूरदर्शन पर इस कार्यक्रम का इस तरह प्रसारण नहीं हुआ था।
उधर, कांग्रेस और वामदलों ने दूरदर्शन के ‘दुरुपयोग’ की कड़ी आलोचना की, लेकिन भाजपा ने इसका बचाव किया। कांग्रेस प्रवक्ता संदीप दीक्षित ने करीब घंटे भर के इस प्रसारण को एक ‘खतरनाक परंपरा’ बताते हुए कहा कि आरएसएस एक विवादास्पद संगठन है।
उन्होंने कहा, यह एक खतरनाक परंपरा है। यह कोई ऐसा संगठन नहीं है, जो पूरी तरह से निष्पक्ष हो। यह एक विवादास्पद संगठन है। उन्होंने कहा कि यह सरकार का एक राजनीतिक फैसला है।
कांग्रेस नेता एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि हमारी राष्ट्रीय आकांक्षाओं के मामले में हम आरएसएस के रिकार्ड को संदेह से परे नहीं मानते। माकपा ने कहा, आरएसएस इस अवसर का इस्तेमाल अपनी हिन्दुत्व की विचारधारा को फैलाने के लिए करती है। राष्ट्रीय सार्वजनिक प्रसारक को आरएसएस जैसे संगठन के प्रमुख के भाषण को सीधा प्रसारित नहीं करना चाहिए था। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने भी भागवत के भाषण को सीधा प्रसारित किए जाने की निंदा की और कहा कि यह सरकारी प्रसारक का दुरुपयोग है।
भाकपा के महासचिव डी राजा ने कहा कि सरकार और खासकर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को दूरदर्शन को आरएसएस का मुख्यपत्र बनने की इजाजत देने के लिए जनता को स्पष्टीकरण देना चाहिए ।
भागवत के भाषण के प्रसारण का बचाव करते हुए भाजपा की शाइना एन सी ने कहा कि आरएसएस एक मात्र राष्ट्रवादी संगठन है, जो भारत सबसे पहले (इंडिया फर्स्ट) में विश्वास करता है और साथ ही देश को व्यक्तिगत हित से ऊपर मानता है।
इस विवाद पर दूरदर्शन ने कहा कि इसे अन्य समाचार कार्यक्रमों की तरह ही प्रसारित किया गया और इसके लिए कोई विशेष व्यवस्था नहीं की गई थी।
दूरदर्शन की महानिदेशक अर्चना दत्त ने कहा, यह हमारे लिए महज किसी अन्य समाचार से जुड़े कार्यक्रम की तरह ही था। इसलिए हमने इसे कवर किया। दत्त ने कहा कि इस समारोह के लिए कोई विशेष व्यवस्था नहीं की गई थी और राज्य में चुनाव को कवर करने के लिए उपयोग किये जा रहे कई डिजिटल सेटेलाइट न्यूज गैदरिंग वैन (डीएसएनजी) में से एक का उपयोग इस समारोह के लिए किया गया।
(इनपुट्स भाषा से भी)
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