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This Article is From Oct 09, 2018

IMF ने मोदी सरकार के GST को सही ठहराया, कहा- विकास दर में चीन को पीछे छोड़ सकता है भारत

अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष(IMF) ने वर्ष 2018 के लिए भारत की विकास दर के 7.3 प्रतिशत तक रहने का अनुमान लगाया है. मोदी सरकार के जीएसटी की सराहना भी की है.

IMF ने मोदी सरकार के GST को सही ठहराया, कहा- विकास दर में चीन को पीछे छोड़ सकता है भारत
फाइल फोटो.
नई दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष(आईएमएफ) की ताजा रिपोर्ट ने नरेंद्र मोदी सरकार को राहत की सांस दी है. इस अंतरराष्ट्रीय संस्था ने वर्ष 2018 के लिए जहां भारत की विकास दर के 7.3 प्रतिशत तक रहने का अनुमान लगाया है, वहीं केंद्र सरकार के जीएसटी और बैंकरप्सी कोड की सराहना भी की है. अगर आईएमएफ की भविष्यवाणी सच साबित हुई तो भारत वर्ष 2018 में चीन को 0.7 प्रतिशत और 2019 में 1.2 प्रतिशत के अंतर से पीछे करते हुए विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था वाला देश बन जाएगा. 

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आईएमएफ की इकॉनमिक आउटलुक रिपोर्ट और अप्रैल में जारी वर्ल्‍ड इकोनोमिक रिपोर्ट के आंकड़ों के बीच कुछ अंतर है.  अप्रैल की वर्ल्ड इकोनॉमिक रिपोर्ट में जहां वर्ष 2018 में 7.3 वहीं 2019 में विकास दर 7.5 रहने का अनुमान था. मगर आउटलुक रिपोर्ट में 2018 की विकास दर को उतना ही अनुमानित किया गया है, मगर 2019 के लिए विकास दर को कुछ घटाकर पेश किया गया है. इस नई रिपोर्ट के मुताबिक 2019 में 7.5 की जगह विकास दर को 7.4 तक रहने की संभावना जाहिर की गई है. आईएमएफ ने वर्ल्ड ट्रेड वॉर के चलते चीन की विकास दर प्रभावित होने की आशंका जाहिक की है. रिपोर्ट में वर्ष 2018 के लिए 6.6 और 2019 में 6.2 प्रतिशत चीन की विकास दर रहने की उम्मीद जताई है. 

पढ़ें अप्रैल की रिपोर्ट- 2018 और 2019 में चीन से ज्यादा होगी भारत की विकास दर: IMF

IMFने देशों को आगाह किया 
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने बुधवार को विभिन्न देशों को सुधारों को वापस लेने के प्रति आगाह किया. आईएमएफ ने कहा कि इससे वैश्विक वित्तीय प्रणाली ‘कम सुरक्षित’ हो जाएगी और साथ स्थिरता खतरे में पड़ जाएगी. आईएमएफ ने कहा कि सुधार प्रयासों पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समन्वय होना चाहिए. आईएमएफ ने यह बयान अपनी रिपोर्ट ‘नियामकीय सुधार:वैश्विक वित्तीय संकट के दस साल, भूत और भविष्य.’ आईएमएफ ने कहा कि वित्तीय क्षेत्र सुधार के प्रयासों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समन्वय होना चाहिए. सुधारों के व्यापक प्रभाव का आकलन वैश्विक वित्तीय संकट के दस साल बाद करना चाहिए. सुधारों से जो भी अवांछित परिणाम सामने आए हैं उनका आकलन कर उन्हें दूर किया जाना चाहिए.आईएमएफ ने कहा कि वैश्विक वित्तीय संकट के दस साल बाद इसकी प्रगति स्पष्ट है. लेकिन सुधार एजेंडा को पूरा किया जाना चाहिए. (इनपुट-भाषा से)

वीडियो-सिंपल समाचार : किसके साथ किसका विकास? 
 

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