एक उच्चस्तरीय जांच रिपोर्ट के अनुसार जम्मू कश्मीर के बडगाम में 27 फरवरी को वायुसेना का दुर्घटनाग्रस्त हेलीकाप्टर एमआई-17 भारतीय मिसाइल का ही निशाना बना था. इस रिपोर्ट में कम से कम चार अधिकारियों को दोषी पाया गया है. उसी दिन भारत और पाकिस्तान की वायुसेनाओं के बीच हवाई झड़प हुयी थी. हेलीकाप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने से छह सैन्यकर्मियों सहित सात लोगों की मौत हो गयी थी. सेना सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि एक ग्रुप कैप्टन सहित कम से कम चार अधिकारियों को हेलिकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने के लिए जिम्मेदार ठहराया गया और उन्हें कड़ी सजा का सामना करना पड़ेगा.
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भारतीय वायु सेना ने जांच के निष्कर्षों पर तत्काल कोई टिप्पणी नहीं है. वायुसेना मुख्यालय ने घटना की एयर कमोडोर रैंक के अधिकारी के तहत कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी (सीओआई) का आदेश दिया था. जांच में पाया गया कि हेलीकॉप्टर में वह प्रणाली बंद थी जिससे मित्र या दुश्मन की पहचान की जाती है. इसके साथ ही जमीनी अधिकारियों और हेलिकॉप्टर के चालक दल के बीच संचार और समन्वय में तालमेल नहीं था. इस प्रणाली के तहत हवाई रक्षा रडार से पहचान होती है कि कोई विमान या हेलीकॉप्टर अपना है या शत्रुओं का.
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एक सूत्र ने कहा, ‘‘सैन्य कानून के प्रावधानों के अनुसार दोषी कर्मियों को कड़ी सजा का सामना करना पड़ेगा.'' उन्होंने कहा कि वायुसेना के शीर्ष अधिकारी घटना के लिए जिम्मेदार लोगों को सजा के बारे में फैसला करेंगे. वायुसेना ने मई में घटना की गहन जांच सुनिश्चित करने के लिए श्रीनगर अड्डे के एयर ऑफिसर कमांडिंग का तबादला कर दिया था.
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