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This Article is From Sep 18, 2020

"मैं अपनी सरकार को समझाने में विफल रही" : कृषि बिलों पर हरसिमरत बादल का बयान

'अध्यादेश आने के एक दो महीनों में मैंने लगातार किसानों, किसान संगठनों से उनकी शंकाओं को केंद्र तक ले जाकर, केंद्र की बात को किसानों तक पहुंचाने का काम किया. '

नई दिल्ली:

विवादित कृषि विधेयकों (Agricultural Bills) को लेकर गुरूवार को प्रधानमंत्री के मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने वाली अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल (Harsimrat Kaur Badal) ने NDTV को बताया किवह चाहती थी कि सरकार इन विधेयकों को सदन में पेश करने से पहले किसानों से बात करे. हरसिमरत कौर ने यहा भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को आगे ले जाने के लिए बहुत मेहनत कर रहे हैं और हम उनकी नीतियों को "किसान विरोधी" नहीं मानते हैं.

अकाली नेता ने कहा कि मैं लगातार किसानों की बात केंद्र तक और केंद्र की बात किसानों, किसान संगठनों तक पहुंचाती रही. लेकिन शायद मैं सरकार को अपनी बात समझाने में विफल रही. हरिसमरत कौर ने कहा, "अध्यादेश बनने से पहले जब ये मेरे पास आया था तो मैंने ये कहा था कि किसानों के मन में इसे लेकर शंकाए हैं. इन शंकाओं को दूर करना चाहिए. राज्य सरकारों को भी विश्वास में लेकर ऐसी कोई कार्रवाई होनी चाहिए. ये विरोध मैंने मई में दर्ज किया."

किसानों की कृषि मंत्री से बैठक भी करवाई
उन्होंने आगे कहा, "इसके बाद जून में जब अध्यादेश आया उससे पहले भी मैंने कैबिनेट में कहा कि जमीन स्तर पर किसानों में इस अध्यादेश को  लेकर बहुत विरोध है उनको विश्वास में लेकर ही कोई अध्यादेश आए. जब ये अध्यादेश कैबिनेट में पेश किया गया आया तब भी मैंने इसे पूरे जोरों से उठाया....

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....अध्यादेश आने के एक दो महीनों में मैंने लगातार किसानों, किसान संगठनों से उनकी शंकाओं को केंद्र तक ले जाकर, केंद्र की बात को किसानों तक पहुंचाने का काम किया. तोमर जी की मुलाकात भी करवाई किसानों से लिखित में भी लिया. लेकिन जब ये संसद के एजेंडे में आ गया तो ये साफ हो गया कि मेरी पार्टी इसका समर्थन नहीं करती है."

विपक्ष क्या कहता है इसकी परवाह नहीं 
हरसिमरत कौर बादल ने कहा है कि विरोधी क्या कहते हैं मैं इसकी परवाह नहीं करती हूं. उन्होंने कहा कि अगर आप कांग्रेस नेता के बयानों की बात करते हैं तो मैं बता दूं कि संसद में मंत्री जी ने खुद कहा था कि जब इस कानून को लेकर पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंद सिंह के साथ चर्चा हुई थी तो उन्होंने तीन बैठकें करके इस पर अपनी सहमति दी थी. 

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