गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियां अपना पूरा दमखम लगा रही है. ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) भी कॉरपोरेट चुनाव लड़ने के बाद अब गुजरात विधानसभा चुनाव में भी अपना भाग्य आजमां रही है. एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने एनडीटीवी के मैनेजिंग एडिटर मनोरंजन भारती से खास बातचीत की और चुनाव सहित कई मुद्दों पर अपनी बेबाक राय रखी.
असदुद्दीन ओवैसी ने गुजरात जाने के दौरान वंदे भारत ट्रेन पर पथराव को लेकर कहा कि हम अहमदाबाद से सूरत जा रहे थे. दो सीट पीछे जो लोग बैठे थे, पथराव से उनका शीशा टूट गया, देखते हैं सरकार इसको लेकर क्या करती है. वहीं उन्होंने कहा कि अगर कंस्ट्रक्शन का काम चल रहा था, तो इससे उन्हीं की ट्रेन को नुकसान हो गया. मुझे नहीं पता इसके पीछे क्या है. मेरा यकीन है कि हम जब इस दुनिया में आए हैं तो ऊपर वाले की मर्जी से आए हैं और जब जाएंगे तो वो भी लिखा हुआ ही है. उस बात की मुझे चिंता नहीं है, डर और खौफ कभी मेरे करीब नहीं आया है.
ओवैसी ने कहा कि आपको अगर 'भारत की लैला' बना दिया जाता है, तो हमारे चाहने वाले कई सारे मजनू हैं. मोहब्बत करने के तरीके होते हैं, ये हमारी राजनीति की हकीकत है, मुकाबला करना है और उसूलों पर करना है. इसके लिए हिम्मत की जरूरत है.
वहीं गुजरात में चुनाव लड़ने को लेकर ओवैसी ने कहा कि हमने दो साल पहले वहां नगर पालिका का चुनाव लड़ा था. अहमदाबाद की जनता ने हमारे कॉर्पोरेटरों को कामयाब किया था. एक साल तक गोधरा में हमारा डिप्टी मेयर भी रहा था. ऐसे में पहले से ही वहां अपना जनाधार बढ़ाने की हमारी कोशिश चल रही है.
आम आदमी पार्टी के गुजरात में चुनाव लड़ने पर ओवैसी ने कहा कि मुझे लगता है कि वो मोदी के नक्शे कदम पर चल रहे हैं, और मोदी से ज्यादा वो बताना चाहते है कि मैं हिंदुत्व की आइडियोलॉजी पर चल रहा हूं. मोदी को वो इस आइडियोलॉजी पर पीछे छोड़ना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल के बोलने का तरीका और पॉलिटिकल स्ट्रैटजी देखकर ऐसा लगता है कि 2012-13 के मोदी को हम देख रहे हैं.
एआईएमआईएम अध्यक्ष ने कहा कि 'बी टीम' और 'वोटकटवा' का इल्जाम बस मेरे ऊपर लगता है, क्योंकि मेरा नाम ओवैसी है. जिसका नाम ओवैसी नहीं होगा, उसका नाम केजरीवाल, अखिलेश, तेजस्वी, शरद या राहुल होगा, तो उनपर इल्जाम नहीं लगेगा. क्योंकि ये सभी लोग दूध के धुले हुए हैं. उन्होंने कहा कि हमारे देश में कास्ट सिस्टम है. पॉलिटिक्स में भी क्लास सिस्टम हो गया है, ये सब लोग अपर क्लास के हैं और हम लोग अछूत हैं. इसलिए इल्ज़ाम हम पर ही लगता है.
ओवैसी ने कहा कि 2015 में बिहार के किशनगंज में नहीं जीत पाए थे, जितनी बातें राजद के राज्यसभा के एमपी ने कही है, इन्होंने ही कहा कि हम सीमांचल तक ही थे. मगर 8 सितंबर को लड़का था रिज़वान उसको सीवान में गिरफ़्तार किया गया. 8 दिन जेल में रखा गया, 8 साल के बच्चे को रखा गया, 70 साल के उसके दादा को रस्सियों से बांधकर जेल में रखा गया. उन्होंने कहा कि ये सेक्यूलरिज्म के खुदा हैं और हम कम्यूनलिज़्म के विलन हैं.
उन्होंने कहा कि जब ये बात हुई तो मुझे उस जगह से फोन करके बोला गया कि आप यहां नहीं आएंगे तो कौन पूछेगा हमें. मुझे बोला गया कि आप यहां आओ और लड़ो. मैंने कहा लेकिन इसका नतीजा क्या होगा, बोले उसकी चिंता न करो, क्या हमारे वोट की कोई कीमत नहीं है. 2015 और 20 में हमने चुनाव लड़ा, उस वक्त भी झूठ कहा गया. हम 19 सीट पर लड़े और 5 जीते, 9 पर ये गठबंधन जीता और 6 पर नीतीश और बीजेपी.
ओवैसी ने पूछा कि नीतीश कब से सेक्यूलर हो गए. शर्म नहीं आती कि नीतीश भाजपा के साथ सीएम बने. जब गोधरा जल रहा था, नीतीश रेलवे मिनिस्टर थे और आप उन्हें 2 बार सीएम बना देते हैं. क्या मैंने भाजपा की ताकत पर चुनाव लड़ा, मैं ऐसा कभी नहीं करूंगा. आपको इस तरह की बात करने का हक किसने दिया. उन्होंने कहा कि बिहार में उपचुनाव में हमें 12 हजार वोट मिले, आपको लगता है कि इस जनता को अक्ल नहीं है. भारत की जनता सबसे ज्यादा पॉलिटिक्स से जुड़ी है और आप उनकी बेइज्जती कर रहे हैं.
वहीं उन्होंने कहा कि हम दिल्ली एमसीडी का भी चुनाव लड़ रहे हैं. कितनी सीट पर लड़ेंगे ये दिल्ली युनिट तय करेगी.
वहीं एशिया कप को लेकर अगले साल पाकिस्तान का दौरा नहीं करने पर ओवैसी ने कहा कि आप खेलते ही क्यों हैं, आपको बस पैसे की जरूरत है. पाकिस्तान आज कश्मीर में खेल रहा है. बीजेपी सरकार दोहरी पॉलिसी क्यों रखती है.
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