
कर्नाटक में पिछले कुछ महीनों में कई लोगों को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का एआई से बना एक वीडियो दिखा कर लाखों रुपये ठग लिए गए. इस तरह से ठगे गए लोगों की संख्या करीब 200 है. साइबर अपराधियों ने ठगे गए लोगों को ट्रंप के होटल में निवेश करने और अधिक रिटर्न हासिल करने का भरोसा दिया था.
कहां पर हुई है जालसाजी की यह वारदात
पुलिस के मुताबिक इस तरह के सबसे अधिक मामले बंगलुरु, तुमकुरु, मंगलुरु और हावेरी जिले में सामने आए हैं. केवल हावेरी जिले में ही 15 से अधिक मामले सामने आए हैं. पुलिस के मुताबिक पीड़ितों को आकर्षक रिटर्न और घर से काम करने और निवेश का विकल्प दिया गया. पुलिस के मुताबिक जालसाजों ने शुरू में यूजर्स को अपने खाते खोलने के लिए 1,500 रुपये का भुगतान करने को कहा. इसके बाद उन्हें कंपनी की प्रोफाइल लिखने जैसे काम दिए गए. हर काम पूरा होने पर उनके ऐप के डैशबोर्ड पर उनकी आय को बढ़ता हुआ दिखाया गया. लेकिन यह पैसा कभी वास्तविक रूप में उनके हाथ में नहीं आया.
इनमें से एक पीड़ित से अंग्रेजी अखबार 'इंडियन एक्सप्रेस' ने बात की. अखबार से 38 साल के इस वकील ने दावा किया कि उन्होंने इस साल 25 जनवरी से चार अप्रैल के बीच 5,93,240 रुपये जमा किए. उन्होंने कहा, "इस साल जनवरी में, मुझे यूट्यूब पर शॉर्टस मिले, इसमें डोनाल्ड ट्रंप के होटल में निवेश करने की योजना दी गई थी. दिए गए लिंक पर क्लिक करने पर, मुझे एक मोबाइल एप्लिकेशन डाउनलोड करने के लिए कहा गया. वहां मुझे एक फॉर्म भरने के लिए कहा गया, जिसे मैंने भर दिया. मुझे उससे अपना बैंक खाते का विवरण और आईएफएससी कोड जोड़ने के लिए भी कहा गया.'' इस पीड़ित वकील ने कहा कि इसके बाद उन्हें 1,500 रुपये जमा करने के लिए कहा गया. इसके बदले में उन्हें अपनी प्रोफाइल में 30 रुपये मिले. उन्होंने कहा, "मुझे रोज 30 रुपये दिए जाते थे और मैं इसे तभी निकाल सकता था, जब वह 300 रुपये से अधिक हो जाता था. चूंकि पैसे समय पर दिए जा रहे थे और मैं इसे निकाल सकता था, इसलिए उन्होंने मुझसे और अधिक निवेश करने के लिए कहना शुरू कर दिया. इसकी शुरुआत 5,000 रुपये से हुई और यह एक लाख रुपये पर खत्म हुआ. अंत में उन्होंने मुझसे पैसे निकालने के लिए टैक्स भरने को कहा, लेकिन इसके बाद भी उन्होंने पैसे वापस नहीं किए."
पीड़ित का कहना था कि उन्हें कई बार एक लाख रुपये के निवेश के बदले एक लाख रुपये के रिटर्न का लालच दिया गया था.उन्होंने बताया कि वो ऐसे कई लोगों को जानते हैं जो पुलिस में हैं या किसी और सरकारी विभाग में नौकरी करते है या व्यापारी थे, जिन्होंने निवेश किया और अपना पैसा गंवा दिया.
हावेरी साइबर क्राइम इकोनॉमिक्स एंड नारकोटिक्स (सीईएन) पुलिस ने उनकी शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
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