राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) के प्रमुख जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) ने एनडीटीवी के साथ एक विशेष साक्षात्कार में लोकसभा चुनावों में कम मतदान से लेकर राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) पर खुलकर बात की. साथ ही मुस्लिमों को आरक्षण देने के मुद्दे पर भी अपनी राय स्पष्ट कर दी. जयंत चौधरी ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में घटती मतदाता भागीदारी पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) को युवा और शहरी मतदाताओं को शामिल करने के लिए नवीन रणनीतियों का पता लगाने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा, "यह सिर्फ वोट डालने के बारे में नहीं है; यह एक ऐसे माहौल को बढ़ावा देने के बारे में है, जहां हर नागरिक अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग करने के लिए उत्साहित महसूस करता है."
हरियाणा और किसानों के मुद्दों पर भी बोले
हरियाणा पर जयंत चौधरी ने कहा कि जाट असंतोष की धारणा अतिरंजित है. हरियाणा भाजपा के लिए उतनी बड़ी चुनौती नहीं बन सकता है, जितनी कि सोची गई है. विपक्ष के छिटपुट प्रयासों को स्वीकार करते हुए उन्होंने तर्क दिया कि मतदाता मुख्य रूप से स्थिरता और प्रभावी शासन चाहते हैं. उन्होंने किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए रालोद की अटूट प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए कहा, "किसानों की शिकायतों को दूर करने में सरकार सक्रिय और सकारात्मक रूप से काम कर रही है."
राहुल गांधी-अखिलेश यादव पर यह बोले
जयंत चौधरी ने उत्तर प्रदेश की राजनीति में राहुल गांधी की उपस्थिति के महत्व को कम कर दिया. उन्होंने टिप्पणी की, "रायबरेली के साथ गांधी परिवार के ऐतिहासिक संबंधों को देखते हुए, राहुल गांधी की उम्मीदवारी अपेक्षित थी." उन्होंने संकेत दिया कि चुनाव में मुख्य मुद्दा मजबूत नेतृत्व और शासन के मुद्दों पर बना हुआ है. वहीं जयंत चौधरी ने अखिलेश यादव के नेतृत्व शैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि लोगों का उनसे मोहभंग हो गया है. उन्होंने क्षेत्रीय राजनीति के भीतर उभरती गतिशीलता की ओर इशारा करते हुए कहा, "मतदाताओं की प्रतिक्रिया कुशल नेतृत्व के प्रति व्यापक भावना को दर्शाती है."
मुस्लिम कोटा असंवैधानिक
मुस्लिम कोटा (Muslim quotas) को लेकर विवादास्पद बहस में शामिल होते हुए जयंत चौधरी ने जोर देकर कहा कि ऐसे उपाय असंवैधानिक हैं और राष्ट्र के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने के लिए खतरा पैदा करते हैं. राहुल गांधी के बयानों को कांग्रेस पार्टी की मंशा का संकेत बताते हुए उन्होंने सामाजिक न्याय और समानता के मुद्दों पर पारदर्शी चर्चा की आवश्यकता को रेखांकित किया.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं