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सांसदों ने घरों के आसपास गंदगी और पानी भरने का मुद्दा उठाया, हाउस कमिटी ने दिए ये निर्देश

राज्य सभा की हाउस कमिटी की बैठक में राज्यसभा सांसदों ने अपने आवास की मरम्मत, रिनोवेशन,सजावट जैसे कार्यों को पूरा करने में देरी का मुद्दा उठाया. घरों के आसपास जलभराव, साफ-सफाई की कमी की भी शिकायत की.

सांसदों ने घरों के आसपास गंदगी और पानी भरने का मुद्दा उठाया, हाउस कमिटी ने दिए ये निर्देश
  • राज्यसभा सांसदों ने शिकायत की कि उनके आवासों में मरम्मत, रिनोवेशन और सजावट के कामों में सरकारी प्रक्रिया की वजह से देरी हो रही है.
  • हाउस कमिटी की बैठक में सांसदों ने घरों के आसपास जलभराव और सफाई की कमी पर भी नाखुशी जताई. इसके बाद समिति ने उचित निर्देश जारी किए.
  • राज्यसभा हाउस कमिटी की बैठक अब हर दो महीने में एक बार होगी ताकि सांसदों की समस्याओं का समय पर समाधान हो सके.
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नई दिल्ली:

राज्य सभा की हाउस कमिटी की शुक्रवार को हुई बैठक में राज्यसभा सांसदों को आवंटित मकानों, अपार्टमेंट्स में मरम्मत, रिनोवेशन,अंदरूनी सजावट जैसे कार्यों को पूरा करने में हो रही देरी का मुद्दा उठा. सूत्रों के मुताबिक, मॉनसून में सांसदों के घरों और आसपास के इलाकों में जलभराव, साफ-सफाई को लेकर NDMC के खराब रिस्पांस की भी शिकायत की गई और इसमें सुधार की जरूरत बताई गई. 

शिकायतों के समाधान का निर्देश

हाउस कमिटी के एक सदस्य सांसद ने एनडीटीवी को बताया कि बैठक में NDMC और CPWD को निर्देश दिया गया कि वह सांसदों की शिकायतों का निवारण समय पर कारगर तरीके से करें. दीनदयाल उपाध्याय मार्ग पर बने अपार्टमेंट्स में रहने वाले सांसदों की ये भी शिकायत है कि उन्हें संसद जाने के लिए अंडरपास से गुजरना होता है, जिसमें मॉनसून सीजन के दौरान अक्सर पानी भर जाता है.

समय पर इसलिए पूरे नहीं होते काम 

राज्यसभा सांसदों को आवंटित मकान, अपार्टमेंट की मरम्मत, रिनोवेशन,सजावट आदि में देरी की बड़ी वजह काम आवंटित करने की मौजूदा सरकारी प्रक्रिया है. किसी सांसद की तरफ से CPWD को इस बारे में डिमांड भेजी जाती है तो सबसे पहले CPWD ऑनलाइन टेंडर के जरिए निजी एजेंसियों को काम आवंटित करती है.

निजी एजेंसियां कम से कम पैसे में काम पूरा करने की बोली लगाती हैं. इस प्रक्रिया की वजह से प्राइवेट एजेंसियां तय समय में जरूरी संसाधन नहीं जुटा पातीं और वर्करों को काम पर नहीं लगा पातीं. इसकी वजह से काम लेट होता है. इसका असर मकान, अपार्टमेंट की मरम्मत और  रिनोवेशन के काम की गुणवत्ता पर भी पड़ता है.

विभागों में समन्वय की भी कमी 

देरी की दूसरी वजह सीपीडब्ल्यूडी विभाग में सिविल और इलेक्ट्रिकल डिपार्टमेंट के बीच समन्वय की कमी भी बताई जाती है. इससे भी सांसदों के घरों में मेंटिनेंस के काम में देरी होती है. कई बार CPWD का इलेक्ट्रिकल डिपार्टमेंट सांसदों के घर सामान की सप्लाई करता है लेकिन समन्वय की कमी की वजह से उस सामान की फिटिंग करने में देरी हो जाती है.

सांसदों की यह भी शिकायत है कि उनके घरों के आसपास गंदगी की सफाई समय पर नहीं होती. सुबह जब वह मॉर्निंग वॉक पर जाते हैं तो अक्सर पास के पार्कों में काफी गंदगी और जलभराव मिलता है. मॉनसून सीजन में जलभराव से गंदगी काफी बढ़ जाती है.

पसंद का घर न मिलने का भी मुद्दा उठाया

शुक्रवार को बैठक में एक विपक्षी सांसद ने यह सवाल भी उठाया कि ट्रेजरी बेंच के सांसदों को उनके पसंद का घर अलॉट किया जाता है, जबकि विपक्षी सांसदों को घर मिलने में देरी होती है. वेस्टर्न कोर्ट हॉस्टल में अवैध कब्जे का मुद्दा भी एजेंडे में शामिल था, लेकिन बैठक में इस पर चर्चा नहीं हुई.

बैठक में विपक्षी दल के एक सांसद ने इस बात पर चिंता जताई कि राज्यसभा की हाउस कमेटी की बैठक साल में सिर्फ एक बार ही क्यों बुलाई जाती है. इस पर चर्चा के बाद तय हुआ कि राज्य सभा की हाउस कमेटी की बैठक अब हर दो महीने में एक बार होगी.

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