विज्ञापन
This Article is From Apr 07, 2023

"समलैंगिक जोड़ों को भी बच्चे गोद लेने की मिले अनुमति": सुप्रीम कोर्ट में DCPCR ने लगाई गुहार

DCPCR ने याचिका में कहा गया है कि विषमलिंगी जोड़ों की तरह ही समलैंगिक जोड़े भी अच्छे या बुरे अभिवावक बन सकते हैं. दुनिया के 50 से ज्यादा देश समलैंगिक जोड़ों को बच्चा गोद लेने की इजाजत देते हैं.

"समलैंगिक जोड़ों को भी बच्चे गोद लेने की मिले अनुमति": सुप्रीम कोर्ट में DCPCR ने लगाई गुहार
ऐसा कोई सबूत नहीं है कि समलैंगिक जोड़ों के बच्चों के मनोवैज्ञानिक विकास पर असर पड़ता है
नई दिल्‍ली:

दिल्ली सरकार के बाल अधिकार संरक्षण आयोग (DCPCR) ने सुप्रीम कोर्ट में एक अर्जी दाखिल कर समलैंगिक विवाह को मान्यता देने की मांग वाली याचिकाओं के साथ सुनवाई की मांग की है. डीसीपीसीआर ने कहा है कि समलैंगिक जोड़ों को भी बच्चे गोद लेने की अनुमति मिलनी चाहिए. इसके लिए याचिका में अलग-अलग तर्क दिए गए हैं. सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों के संविधान पीठ को 18 अप्रैल को इस मामले पर सुनवाई करनी है.

याचिका में कहा गया है कि विषमलिंगी जोड़ों की तरह ही समलैंगिक जोड़े भी अच्छे या बुरे अभिवावक बन सकते हैं. दुनिया के 50 से ज्यादा देश समलैंगिक जोड़ों को बच्चा गोद लेने की इजाजत देते हैं. ऐसा कोई सबूत नहीं है कि समलैंगिक जोड़ों के बच्चों के मनोवैज्ञानिक विकास पर असर पड़ता है. 

याचिका में कानूनी समस्याओं पर भी दलील रखी गई है. कहा गया है कि समलैंगिक विवाह को मान्यता देने से मौजूदा कानूनों पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा. मौजूदा गोद लेने के कानून पुरानी मान्यताओं और धारणाओं पर आधारित हैं. वर्तमान समय से उनका नाता नहीं है. समलैंगिक जोड़ों में लिंग के आधार पर भेदभाव नहीं होता है, ऐसे में अलगाव के वक्त गुजारा भत्ता तय करने, बच्चे के कस्टडी लेने में पति पत्नी वाला विवाद नहीं रहेगा.

इन्‍हें भी पढ़ें:- 

SC कॉलेजियम ने समलैंगिक वकील सौरभ कृपाल को जज नियुक्त करने की सिफारिश दोहराई, केंद्र ने जताई थी आपत्ति

पारिवारिक संबंध घरेलू, अविवाहित सहजीवन या समलैंगिक रिश्ते भी हो सकते हैं : सुप्रीम कोर्ट

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com