
के. श्रीनिवास का अंतिम संस्कार करती हुईं याकूब बी।
वारंगल:
तेलंगाना के वारंगल जिले में हाल ही में संप्रदायवाद से अलग, मानवीयता का असल चेहरा देखने को मिला जब एक मुस्लिम महिला ने हिंदू बुजुर्ग की चिता को अग्नि दी।
वारंगल के ओल्ड होम में रह रहे एक हिंदू बुजुर्ग का इस सप्ताह के प्रारंभ में निधन हो गया और मुस्लिम महिला ने उसके अंतिम संस्कार की औपचारिकताएं पूरी कीं। इस बुजुर्ग को उसके परिवार ने त्याग दिया था। याकूब बी अपने पति के साथ ओल्ड एज होम चलाती हैं। यहां कई सालों से टेलर की रूप में काम कर रहे के.श्रीनिवास का मंगलवार की रात निधन हो गया। वे 70 वर्ष के थे।
याकूब बी ने सभी धार्मिक रीतिरिवाज पूरे करते हुए हिंदू बुजुर्ग का अंतिम संस्कार किया।
श्रीनिवास को करीब दो साल पहले एक बस स्टॉप पर पाया गया था। उनके शरीर के एक हिस्से को लकवा लग चुका था। याकूब बी को श्रीनिवास ने बताया कि परिवार ने उनका तिरस्कार कर दिया है। याकूब बी ने श्रीनिवास के निधन के बाद जब उनके बेटे से संपर्क किया तो वह ओल्ड एज होम तो पहुंचा लेकिन कहा कि वह ईसाई धर्म अपना चुका है और हिंदू रीतिरिवाजों का पालन नहीं कर सकता।
चूंकि याकूब बी के पति लगातार यात्रा में रहते हैं, ऐसे में उसने खुद श्रीनिवास का अंतिम संस्कार करने का निर्णय लिया। याकूब बी के लिए श्रीनिवास पिता की तरह थे। इसके बाद याकूब बी ने श्रीनिवास के पुत्र का कर्तव्य निभाया और सभी धार्मिक परंपराओं को पूरा करते हुए इस बुजुर्ग की चिता को मुखाग्नि दी।
वारंगल के ओल्ड होम में रह रहे एक हिंदू बुजुर्ग का इस सप्ताह के प्रारंभ में निधन हो गया और मुस्लिम महिला ने उसके अंतिम संस्कार की औपचारिकताएं पूरी कीं। इस बुजुर्ग को उसके परिवार ने त्याग दिया था। याकूब बी अपने पति के साथ ओल्ड एज होम चलाती हैं। यहां कई सालों से टेलर की रूप में काम कर रहे के.श्रीनिवास का मंगलवार की रात निधन हो गया। वे 70 वर्ष के थे।
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श्रीनिवास को करीब दो साल पहले एक बस स्टॉप पर पाया गया था। उनके शरीर के एक हिस्से को लकवा लग चुका था। याकूब बी को श्रीनिवास ने बताया कि परिवार ने उनका तिरस्कार कर दिया है। याकूब बी ने श्रीनिवास के निधन के बाद जब उनके बेटे से संपर्क किया तो वह ओल्ड एज होम तो पहुंचा लेकिन कहा कि वह ईसाई धर्म अपना चुका है और हिंदू रीतिरिवाजों का पालन नहीं कर सकता।
चूंकि याकूब बी के पति लगातार यात्रा में रहते हैं, ऐसे में उसने खुद श्रीनिवास का अंतिम संस्कार करने का निर्णय लिया। याकूब बी के लिए श्रीनिवास पिता की तरह थे। इसके बाद याकूब बी ने श्रीनिवास के पुत्र का कर्तव्य निभाया और सभी धार्मिक परंपराओं को पूरा करते हुए इस बुजुर्ग की चिता को मुखाग्नि दी।