हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में शिमला के मस्जिद विवाद को लेकर कल यानी 14 सितंबर को विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने राज्य बंद का आह्वान किया है. शनिवार को सुबह 10 से 12 बजे तक दो घंटे के बंद का आह्वान किया गया है. हिमाचल प्रदेश विश्व हिंदू परिषद के प्रांत मंत्री तुषार डोगरा ने पुलिस की कार्रवाई को लेकर राज्य सरकार की आलोचना की है.
तुषार डोगरा ने कहा कि, ''शिमला के संजोली में मस्जिद विवाद पर हिंदू संगठनों के लोगों पर लाठीचार्ज हुआ. सैकड़ों लोगों पर केस दर्ज किए गए. फिर मंडी में विरोध प्रदर्शन कर रहे हिंदू समुदाय के लोगों पर वाटर कैनन का प्रयोग किया गया. यह दुर्भाग्यपूर्ण है. प्रदेश सरकार हिंदुओं की आवाज को दबाने का काम कर रही है. इसी के विरोध में हमने हिमाचल के सभी व्यापारियों से अपील की है कि सुबह 10 बजे से 12 बजे तक दो घंटे के बंद का समर्थन करें. यह अपील सभी हिंदू संगठनों व सामाजिक संगठनों ने की है.''
सर्वदलीय बैठक बुलाई गई
इधर प्रदेश की राजधानी शिमला के संजोली व मंडी में अवैध मस्जिद निर्माण और फिर हिंदू संगठनों के विरोध प्रदर्शनों के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक बुलाई गई. इसमें प्रदेश में सौहार्दपूर्ण माहौल बनाने के लिए सहमति बनी. मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल में सभी धर्मों को अपनी बात रखने का अधिकार है. सभी धर्मों के लोगों को हिमाचल में रहने का अधिकार है.
अवैध मस्जिद को लेकर उपजा विवाद
शिमला के संजोली में अवैध मस्जिद विवाद से उपजी चिंगारी अब पूरे प्रदेश में फैलती नजर आ रही है. ताजा मामला हिमाचल के मंडी में एक और मस्जिद को लेकर विवाद का सामने आया. वहां प्रदर्शन कर रहे हिंदू समुदाय के लोगों पर वाटर कैनन के जरिए पानी का प्रहार किया गया.
राज्य में अशांति की स्थितियों को देखते हुए सरकार ने शुक्रवार को शिमला सचिवालय में सर्वदलीय बैठक बुलाई. इसमें बीजेपी, कांग्रेस, सीपीआईएम, सीपीआई, आम आदमी पार्टी सहित अन्य पार्टियों के प्रतिनिधि मौजूद रहे. बैठक में सर्व सहमति से प्रदेश में सौहार्दपूर्ण माहौल बनाए रखने और स्ट्रीट वेंडर पॉलिसी बनाने के लिए प्रस्ताव पारित किए गए. विधानसभा अध्यक्ष इसके लिए एक संयुक्त समिति का गठन करेंगे, जो प्रदेश में बाहर से आने वाले लोगों के लिए स्ट्रीट वेंडर पॉलिसी बनाएगी.
संयुक्त समिति का गठन किया जाएगा
सर्वदलीय बैठक के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि, ''प्रदेश में सौहार्दपूर्ण माहौल बना रहे, इसके लिए बैठक में सहमति बनी. बाहरी राज्यों से हिमाचल आने वाले व्यक्तियों के वेरिफिकेशन और स्ट्रीट वेंडर पॉलिसी बनाने को लेकर एक संयुक्त समिति का गठन किया जाएगा ताकि भविष्य में इस तरह की समस्या फिर से उत्पन्न न हो. प्रदेश में कानून के दायरे में सभी को अपना काम धंधा करने और रहने की अनुमति है. एक लड़ाई से संजोली का विवाद उपजा और राजनीतिक लाभ लेने के नेताओं ने इसे हवा देने का काम किया है.''
मुख्यमंत्री ने कहा कि, ''हिमाचल प्रदर्शनों का प्रदेश है और छात्र राजनीति के दौरान हमने भी काफी प्रदर्शन किए हैं और बेरीकेड्स तोड़े हैं. प्रदेश में सौहार्दपूर्ण माहौल बनाने के लिए सरकार काम कर रही है.''
'अवैध मस्जिद को सीज किया जाए या गिराया जाए'
सर्वदलीय बैठक में पहुंचे बीजेपी के विधायक रणधीर शर्मा ने कहा कि, ''प्रदेश में सौहार्दपूर्ण माहौल और भाईचारा बनाए रखने के लिए बीजेपी सरकार के साथ है लेकिन अगर मस्जिद अवैध है तो सरकार को इसमें तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए. अब मस्जिद कमेटी ने भी माना है कि अवैध मस्जिद को सीज किया जाए या गिराया जाए. ऐसे में अब सरकार कानूनी सलाह लेकर जल्द निर्णय ले ताकि माहौल और ज्यादा खराब न हो. सरकार इस मामले में दोषारोपण के बजाय कार्रवाई करे. चूंकि मामला अब प्रकाश में आया है ऐसे में बीजेपी पर फंड देने के बेबुनियाद आरोप लगाना गलत है.''
हिमाचल के सीपीआईएम नेता राकेश सिंघा ने कहा कि, ''प्रदेश में शांति और भाईचारा कायम करने के लिए सीपीआईएम सरकार के साथ है. विवाद को खत्म करना चाहिए और साम्प्रदायिक रंग देने की कोशिश नहीं होनी चाहिए. इस तरह के माहौल से प्रदेश की पर्यटन आर्थिकी और प्रदेश की छवि पर बुरा असर पड़ता है.''
(शिमला से वीडी शर्मा की रिपोर्ट)यह भी पढ़ें-
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