कुल्लू का दशहरा (फाइल फोटो)
शिमला:
भगवान रघुनाथ जी की पारंपरिक रथ यात्रा के साथ ऐतिहासिक अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा की शुरुआत हो गई. राज्य के विभिन्न हिस्सों में रावण, मेघनाद और कुम्भकर्ण के पुतले दहन किए गए. विभिन्न स्थानों पर मां दुर्गा की मूर्तियों के विसर्जन के साथ ही नवरात्रि और दुर्गा पूजा का समापन हुआ.
हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कुल्लू में दशहरा का उद्घाटन किया. मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने यहां जाखो में रावण, मेघनाद और कुम्भकर्ण के पुतले जलाए. सिंह ने संकटमोचन टेंपल ट्रस्ट की ओर से 1.30 करोड़ रूपये की लागत से निर्मित ‘कीर्तन हॉल’ का भी उद्घाटन किया.
कुल्लू का दशहरा इसलिए अलग है कि यहां रामलीला नहीं होती और रावण का पुतले का दहन नहीं किया जाता.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कुल्लू में दशहरा का उद्घाटन किया. मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने यहां जाखो में रावण, मेघनाद और कुम्भकर्ण के पुतले जलाए. सिंह ने संकटमोचन टेंपल ट्रस्ट की ओर से 1.30 करोड़ रूपये की लागत से निर्मित ‘कीर्तन हॉल’ का भी उद्घाटन किया.
कुल्लू का दशहरा इसलिए अलग है कि यहां रामलीला नहीं होती और रावण का पुतले का दहन नहीं किया जाता.
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