मुकेश अग्निहोत्री हिमाचल प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं. ऊना जिले की हरोली विधान सभा सीट से वह कांग्रेस के विधायक हैं और पांचवीं बार इसी सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनावी मैदान में हैं. 2012 से 2017 के बीच अग्निहोत्री वीरभद्र सिंह की सरकार में उद्योग मंत्री रह चुके हैं. इसके अलावा वो संसदीय कार्य, सूचना एवं जनसंपर्क और श्रम एवं रोजगार विभाग की भी जिम्मेदारी संभाल चुके हैं.
पंजाब में हुआ जन्म:
मुकेश अग्निहोत्री का जन्म पंजाब के संगरूर में 9 अक्टूबर 1962 को ओंकार चंद शर्मा के घर हुआ. उनकी प्रारंभिक शिक्षा ऊना जिले में ही हुई. इसके बाद उन्होंने मैथ्स में एमएससी की डिग्री ली. फिर बाद में उन्होंने पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा इन पब्लिक रिलेशन किया और पत्रकार बन गए. राजनीति में आने से पहले मुकेश अग्निहोत्री शिमला में बतौर संवाददाता जनसत्ता में 10 सालों तक काम किया.
वीरभद्र सिंह ने लाया था राजनीति में:
बाद में अग्निहोत्री का तबादला दिल्ली हो गया, जहां उन्होंने अपने सियासी संपर्कों को बढ़ाया और उसका बेहतर इस्तेमाल किया. अग्निहोत्री की राजनीतिक पैठ और समझ को देखते हुए वीरभद्र सिंह ने साल 2003 में उन्हें संतोखगढ़ से चुनाव लड़ने को कहा और वो वहां से चुनाव जीत गए. 2007 के विधान सभा चुनावों में भी अग्निहोत्री वहां से दोबारा चुनाव जीतने में कामयाब रहे.
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साल 2008 में डिलिमिटेशन के बाद संतोखगढ़ हरोली विधानसभा सीट में तब्दील हो गया. मुकेश अग्निहोत्री तीसरी बार भी 2012 में यहां से चुनाव जातने में सफल रहे और वीरभद्र सिंह की सरकार में मंत्री बनाए गए. मुकेश अग्निहोत्री लिखने पढ़ने के साथ-साथ म्यूजिक और बैडमिंटन खेल का शौक रखते हैं. कांग्रेस ने तेज तर्रार अग्निहोत्री को साल 2018 में नेता प्रतिपक्ष बनाया.
कई पद संभाल चुके हैं:
अग्निहोत्री हिमाचल प्रदेश विधानसभा में बिजनेस एडवायजरी कमेटी के नामित सदस्य भी हैं. विधायक बनने से पहले वह प्रदेश कांग्रेस के महासचिव और मीडिया सेल के अध्यक्ष भी रह चुके हैं.दसवीं विधानसभा में वह चीफ पार्लियामेंट्री सेक्रेटरी और हाउसिंग बोर्ड के चेयरमैन भी रह चुके हैं.
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