विज्ञापन
This Article is From Aug 17, 2023

“पापा, क्या हम भी मर जाएंगे..." शिमला में हुई तबाही का आंखों देखा हाल

भूस्खलन से सहमे लोग जिनके घर अभी भी सही सलामत थे, वे वहां से जाने लगे और जो कुछ भी ले जा सकते थे, ले गए. एक छोटी लड़की ने एक बैग पकड़ा रखा था और वह सिसक रही थी. एक व्यक्ति अपनी बूढ़ी मां को अपने कंधों पर उठाकर ले गया.

“पापा, क्या हम भी मर जाएंगे..."  शिमला में हुई तबाही का आंखों देखा हाल

शिमला: स्वतंत्रता दिवस पर जब विनाशकारी बारिश ने कहर बरपाया, आसपास की जमीन धंसने लगी तो मेरी छह साल की बेटी ने पूछा, “पापा, क्या हम भी मर जाएंगे, क्या हमारा घर भी टूट जाएगा.” जोरदार आवाज सुनकर हमारा परिवार बाहर निकल आया. हमारे घर से बमुश्किल 100 मीटर की दूरी पर, एक नाले के पार एक पहाड़ी का किनारा खिसकने से चीख-पुकार मच गई. कुछ बहुमंजिला मकान, कुछ अस्थायी घर और एक बूचड़खाना मलबे के नीचे दब गए.

जब कृष्णानगर इलाके में यह भूस्खलन हुआ तो हमारी बेटी पहले से ही परेशान थी. उसके स्कूल में नर्सरी और कक्षा दो में पढ़ने वाली दो लड़कियों की सोमवार को उस समय मौत हो गई थी, जब भूस्खलन के कारण समर हिल इलाके में एक शिव मंदिर ढह गया था. लेकिन हमारे लिए घर के पास हुआ भूस्खलन अधिक हृदय विदारक था, भले ही हताहतों की संख्या शिव मंदिर की तुलना में बहुत कम थी. कृष्णानगर के घरों में दरारें आनी शुरू हो गई थीं और ज्यादातर लोग घंटों पहले ही घर खाली कर चुके थे.

कुछ मिनट बाद जब मैं घटनास्थल पर पहुंचा तो अपना घर खो चुके लोग चिल्ला रहे थे. एक महिला अपने पति की तलाश में नंगे पैर इधर-उधर भाग रही थी. बूचड़खाने में एक कर्मचारी अपने प्रबंधक की तलाश कर रहा था. बचावकर्मियों को लोगों को बचाने में काफी दिक्कत हो रही थी क्योंकि कीचड़ लगातार गिर रहा था.

भूस्खलन से सहमे लोग जिनके घर अभी भी सही सलामत थे, वे वहां से जाने लगे और जो कुछ भी ले जा सकते थे, ले गए. एक छोटी लड़की ने एक बैग पकड़ा रखा था और वह सिसक रही थी. एक व्यक्ति अपनी बूढ़ी मां को अपने कंधों पर उठाकर ले गया.

मैं खबर देने के लिए रवाना हो गया. मेरे घर-कार्यालय और शिमला के अन्य इलाकों में दो दिन से बिजली नहीं है और मैंने अपने फोन पर खबर लिखी. फोन को बार-बार कार में लगे चार्जर से चार्ज करना पड़ा.

बाद में पुलिस के एक अधिकारी ने मुझे बताया कि मलबे से दो शव निकाले गए . उनमें से एक का सिर धड़ से अलग था. तीन दिन हुई बारिश से त्रस्त हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला तबाही की कहानी बयां कर रही है. अन्य जगहों पर भी भूस्खलन हुआ है. शहर गिरे हुए पेड़ों और टूटी हुई बिजली लाइनों से पटा हुआ है. सड़कों पर दरारें आ गई हैं और कई इमारतें खतरे में हैं.

शिमला में स्थित कार्ट रोड भूस्खलन के कारण अवरुद्ध है, जिसके कारण कुछ जर्जर इमारतों के ढहने की आशंका है. माल रोड सुनसान पड़ा है और पर्यटक नदारद हैं. शिमला जिले में 30 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. तीन दिन हुई बारिश में मरने वालों की संख्या बुधवार को 70 से अधिक हो गई तथा मलबे में और शव दबे होने की आशंका है.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com