विज्ञापन
This Article is From Feb 11, 2022

अगले आदेश तक क्लास में स्कार्फ और हिजाब पर रोक : कर्नाटक हाईकोर्ट का आदेश

कोर्ट ने कहा है कि सभ्य समाज होने के नाते, धर्म, संस्कृति या इस तरह के नाम पर किसी भी व्यक्ति को सार्वजनिक शांति और व्यवस्था भंग करने वाले किसी भी कार्य को करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है.

अगले आदेश तक क्लास में स्कार्फ और हिजाब पर रोक : कर्नाटक हाईकोर्ट का आदेश
हिजाब मामले पर कर्नाटक हाईकोर्ट की फुल बेंच का आदेश आया है
नई दिल्ली:

हिजाब मामले पर कर्नाटक हाईकोर्ट की फुल बेंच का आदेश आया है. कोर्ट ने कहा है कि अगले आदेश तक क्लास में स्कार्फ, हिजाब या धार्मिक झंडे जैसी अन्य चीजों पर रोक रहेगी. क्या कक्षा में हिजाब पहनना इस्लाम की आवश्यक धार्मिक प्रथा का एक हिस्सा है. इस पर कोर्ट ने कहा है कि इसकी गहन जांच की आवश्यकता है. 

कोर्ट ने कहा है कि हम यह स्पष्ट करते हैं कि यह आदेश केवल उन्हीं संस्थानों तक सीमित है, जहां कॉलेज विकास समितियों ने छात्र ड्रेस कोड/वर्दी निर्धारित की है. इन मामलों को 14.02.2022 को दोपहर 2.30 बजे सुना जाएगा. सबसे पहले, हम पिछले कुछ दिनों से चल रहे आंदोलन और शैक्षणिक संस्थानों को बंद करने से आहत हैं. खासकर जब यह न्यायालय इस मामले को जब्त कर लिया है .

कोर्ट ने कहा कि संवैधानिक महत्व और व्यक्तिगत कानून के महत्वपूर्ण मुद्दों पर गंभीरता से बहस हो रही है. यह उल्लेख करने की आवश्यकता नहीं है कि हमारा देश बहुल संस्कृतियों, धर्मों और भाषाओं का देश है. एक धर्मनिरपेक्ष राज्य होने के नाते यह किसी भी धर्म के साथ अपनी पहचान नहीं रखता है. हर नागरिक को अपनी पसंद के किसी भी विश्वास को मानने और अभ्यास करने का अधिकार है, यह सच है. हालांकि, ऐसा अधिकार संपूर्ण नहीं है. ये भारत के संविधान द्वारा प्रदान किए गए उचित प्रतिबंधों के अधीन है. क्या संवैधानिक गारंटी के आलोक में कक्षा में हिजाब पहनना इस्लाम की आवश्यक धार्मिक प्रथा का एक हिस्सा है, इसकी गहन जांच की आवश्यकता है . 

कर्नाटक हिजाब मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फिर सुनवाई की तारीख देने से किया इनकार

हमारा सभ्य समाज होने के नाते, धर्म, संस्कृति या इस तरह के नाम पर किसी भी व्यक्ति को सार्वजनिक शांति और व्यवस्था भंग करने वाले किसी भी कार्य को करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है. अंतहीन आंदोलन और शिक्षण संस्थानों को अनिश्चित काल के लिए बंद करना कोई खुशी की बात नहीं है. इन मामलों की जरूरी मामलों के आधार पर सुनवाई जारी है. 

शैक्षणिक सत्र को बढ़ाना छात्रों के शैक्षिक करियर के लिए हानिकारक होगा, खासकर जब उच्च अध्ययन/पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए समय सीमा अनिवार्य है. छात्रों के हितों की पूर्ति उनके कक्षाओं में लौटने से बेहतर होगी, न कि आंदोलन जारी रखने और संस्थानों को बंद करने से. शैक्षणिक वर्ष जल्द ही समाप्त होने वाला है. हम आशा और विश्वास करते हैं कि सभी हितधारक और बड़े पैमाने पर जनता शांति बनाए रखेगी. उपरोक्त परिस्थितियों में हम राज्य सरकार और अन्य सभी हितधारकों से अनुरोध करते हैं कि वे शैक्षणिक संस्थानों को फिर से खोलें और छात्रों को जल्द से जल्द कक्षाओं में वापस आने दें. 

ये भी देखें-हिजाब मामला: कर्नाटक हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com