बेगूसराय में फायरिंग और हत्या की घटना के बाद एक बार फिर से नीतीश सरकार के कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े होने लगे हैं. बेखौफ अपराधी 30 किलोमीटर और तीन थाना क्षेत्रों में हाईवे पर फायरिंग करते रहे और 10 लोगों को गोली मार दी. इसमें एक शख्स की मौके पर ही मौत हो गई. वहीं नौ अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हैं. पुलिस अब संदिग्धों की तलाश में खाक छान रही है.
इस घटना के बाद विपक्ष भी राज्य सरकार को घेर रही है. विपक्ष सवाल उठा रहा है कि गोलीबारी सुशासन है या जंगलराज की वापसी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी डीजीपी को बुलाकर अपराधियों को गिरफ़्तार करने के आदेश दिए हैं.
सीरियल फायरिंग और किलिंग की घटना के संदिग्धों का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है. पुलिस ने इसे जारी करते हुए कहा कि बाइक पर नारंगी शर्ट पहने और उसके पीछे बैठे संदिग्ध के बारे में जो भी सही सूचना देगा उसे 50 हजार रुपये का इनाम दिया जाएगा. वहीं उसकी पहचान भी गुप्त रखी जाएगी. बेगूसराय के डीआईजी ने कहा कि सूचना 9431822953 या 9431800011 पर कॉल/SMS या Whtasapp के माध्यम से दी जा सकती है.
स्थानीय पुलिस ने इस घटना में दोषी अपराधियों को गिरफ़्तार करने के लिए कई टीमों का गठन किया है. साथ ही पट्रोलिंग में लापरवाही के लिए सात पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है.
राष्ट्रीय राजमार्ग-28 पर फुलवारिया से चकिया के बीच चार जगह पर मोटरसाइकल सवार दो अपराधियों ने नौ लोगों पर फायरिंग की. गोली दस लोगों को मारी गई, जिसमें से एक व्यक्ति चंदन कुमार की मौके पर ही मौत हो गई.
हाल के दिनों में राज्य में इस तरह के अपराध की ये पहली घटना है. बिहार पुलिस कह रही है कि भले ही इस घटना को अंजाम देने वाले दहशत का माहौल कायम करना चाहते हों, लेकिन स्थानीय पुलिस से भी चूक हुई है. इसीलिए सात पुलिसवालों को निलंबित किया गया है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं