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अन्ना हजारे के सहयोगी एन संतोष हेगड़े अन्ना के टीम भंग करने के निर्णय से असहमत दिखे और कहा कि यह अनशन के मार्ग को अपनाए बिना भ्रष्टाचार और कुशासन के बारे में व्यापक जागरूकता फैलाने का काम कर सकती थी।
उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश ने कहा, ‘मैं इस से (टीम भंग करने के निर्णय) दुखी हूं क्योंकि अन्ना की ओर से मजबूत लोकपाल के लिए शुरू किया गया आंदोलन समय की जरूरत थी। यह धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा था। टीम अन्ना को चुनाव में हिस्सा लेना चाहिए या नहीं।
इस पर विवाद और विचारों में अंतरसंबंधी चर्चा दुर्भाग्यपूर्ण है और इसी के कारण अन्ना को टीम भंग करना पड़ा होगा।’ हेगड़े ने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि अन्ना अभी भी भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष का नेतृत्व करेंगे। इसे ऐसे ही (बिना टीम भंग किए) बिना अनशन किए और अन्य चीजों के बिना आगे बढ़ाया जाना चाहिए।’
हेगड़े ने कहा कि उन्होंने अन्ना को विभिन्न स्थानों को दौरा करने और लोगों से भ्रष्टाचार और कुशासन के खिलाफ संघर्ष करने के लिए तैयार करने का सुझाव दिया है।
यह पूछे जाने पर कि क्या टीम अन्ना के राजनीतिक विकल्प तैयार करने की बात कारगर होगी, हेगड़े ने कहा कि वह ऐसा नहीं समझते हैं।
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