
सेंट्रल वॉटर कमीशन ने देश के 161 बड़े जलाशयों में वॉटर स्टोरेज लेवल पर जारी अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि 24 अप्रैल, 2025 तक उत्तर भारत और पूर्वी भारत के 38 बड़े जलाशयों में वॉटर स्टोरेज लेवल पिछले साल के मुकाबले करीब 8% से 9% तक कम हो गया है. उत्तरी भारत में विशेषकर पंजाब, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान में सेंट्रल वॉटर कमिशन 11 बड़े जलाशयों की मॉनिटरिंग करता है. इनमें 24 अप्रैल, 2025 तक वॉटर स्टोरेज लेवल की क्षमता 23.74% रही, जो पिछले साल 32.23% थी. अब तक उत्तरी भारत के 11 बड़े जलाशयों में औसत से भी कम पानी बचा है.

पूर्वी भारत में विशेषकर असम, झारखंड, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, बिहार और उत्तर पूर्व के राज्यों में सेंट्रल वॉटर कमिशन 27 बड़े जलाशयों की मॉनिटरिंग करता है. इस साल 24 अप्रैल, 2025 तक इन बड़े जलाशयों में वॉटर स्टोरेज लेवल उनकी क्षमता का 31.30% रिकॉर्ड किया गया है, जो पिछले साल 24 अप्रैल को 40.17% था. इस साल पूर्वी भारत के 27 बड़े जलाशयों में वॉटर स्टोरेज लेवल औसत से भी कम रिकॉर्ड किया गया है.
हालांकि अच्छी बात यह है कि पश्चिमी भारत, दक्षिण भारत और मध्य भारत के 123 बड़े जलाशयों में 24 अप्रैल, 2025 तक औसत से अधिक स्टोरेज लेवल रिकॉर्ड किया गया है. सेंट्रल वाटर कमीशन के मुताबिक देश के 161 बड़े जलाशयों में वॉटर स्टोरेज लेवल 24 अप्रैल, 2025 को उनकी कुल क्षमता का 35.54% रिकॉर्ड किया गया जो पिछले साल के मुकाबले 17.98% ज़्यादा है.
मॉनसून का इंतजार
दक्षिण-पश्चिम मॉनसून सीजन आमतौर पर 1 जून के आसपास शुरू होता है, और पूरे देश को कवर करने में मानसून को करीब 5 हफ्ते लगते हैं. ऐसे में विशेषकर उत्तरी भारत और पूर्वी भारत के राज्यों के 38 बड़े जलाशयों में घटते स्टोरेज लेवल पर सरकार को आने वाले करीब दो महीनों में कड़ी नजर रखनी होगी.
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