दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने उमेश बत्रा नाम के शख्स को गिरफ्तार किया है. शख्स खुद को स्वास्थ्य मंत्रालय का अफसर बताकर अलग-अलग राज्यों में कोविड वैक्सीन के ट्रांसपोर्टेशन का ठेका दिलवाने के नाम पर ठगी कर रहा था. आरोपी ने 6 लोगों से 15 करोड़ से ज्यादा की ठगी की है. आर्थिक अपराध शाखा के डीसीपी एम आई हैदर के मुताबिक कई लोगों ने ऐसी शिकायतें की थीं कि कोविड वैक्सीन के ट्रांसपोर्टेशन का ठेका दिलाने के नाम पर उनसे करोड़ों रुपए ठग लिए गए हैं.
जांच में पता चला की आरोपी 2021 में पीड़ितों के संपर्क में आया था और पीड़ितों को निर्माण भवन स्थित स्वास्थ्य मंत्रालय का दफ्तर लेकर गया था. पीड़ितों से खाली पेपरों में हस्ताक्षर भी करवाए गए. और कोविड वैक्सीन के ट्रांसपोर्टेशन का वर्क ऑर्डर दिलवाने के नाम पर 6 लोगों से 15 करोड़ रुपए उन लोगों ने ले लिया था.
जांच के दौरान पुलिस ने 5 आरोपी हार्मेन सभरवाल ,गोविंद तुलस्यान,दीपाराणा तिवारी,त्रिलोक सिंह और मृतुंजय रॉय को गिरफ्तार किया है. लेकिन इस मामले में अन्य आरोपी उमेश बत्रा , प्रफुल्ल कुमार नायक और पवन कुमार राय फरार चल रहे थे. उमेश बत्रा खुद को स्वास्थ्य मंत्रालय का अफसर बताकर स्वास्थ्य मंत्रालय के कांफ्रेंस रूम में बैठकर पीड़ितों के साथ मीटिंग करता था . कोर्ट ने उमेश बत्रा को इसी महीने भगोड़ा घोषित कर दिया था. इसके बाद उसने कोर्ट में सरेंडर कर दिया और फिर कोर्ट की इजाजत से पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. आरोपी ने खुलासा किया कि विनोद कुमार शर्मा और विनय गुप्ता नाम के उसके साथ भी खुद को स्वास्थ्य मंत्रालय का अफसर बताकर उसके साथ कांफ्रेंस रूम में बैठते थे.
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