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नई दिल्ली:

जम्मू-कश्मीर और हरियाणा की 90-90 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव हो चुके हैं. जम्मू-कश्मीर में 3 फेज में 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को वोटिंग हुई. जबकि हरियाणा में एक ही फेज में 5 अक्टूबर को वोट डाले गए. मंगलवार (8 अक्टूबर) को वोटों की काउंटिंग होगी और नतीजे आने लगेंगे. वोटों की गिनती सुबह 8 बजे शुरू होंगी. पहले पोस्टल बैलेट की गिनती होगी. इसके बाद इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) के डाले गए वोटों की गिनती होगी. सुबह 9 बजे से शुरुआती रुझान सामने आने लगेंगे. हालांकि, फाइनल नतीजे दोपहर बाद ही साफ हो सकेगा. 

हरियाणा और जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव नतीजों के पल-पल के अपडेट के लिए जुड़े रहिए...


 

आने वाली सरकार के लिए बहुत सारी चुनौतियां होंगी : फारूक अब्दुल्ला

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के नतीजे मंगलवार को घोषित किए जाएंगे. इससे पहले घाटी में सियासी हलचल तेज हो गई है. नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने सोमवार को कहा कि आने वाली सरकार के लिए बेशुमार दुश्वारियां मुंह बाए खड़ी हैं. फारूक अब्दुल्ला ने कहा, “मुझे पूरा विश्वास है कि कल (मंगलवार को) हम नतीजों के दिन जीत का परचम लहराएंगे. निस्संदेह हम ऐसा करने में सफल रहेंगे. हम एकजुट होकर प्रदेश के विकास और लोगों के हित के लिए काम करेंगे.”

CM पद के लिए दावा कोई भी कर सकता है, फैसला आलाकमान को करना है: सैलजा

कांग्रेस महासचिव कुमारी सैलजा ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों की घोषणा से एक दिन पहले सोमवार को कहा कि मुख्यमंत्री पद के लिए दावा कोई भी कर सकता है, लेकिन इसका फैसला आखिरकार पार्टी आलाकमान को ही करना है. उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस आलाकमान पार्टी के हित को भी ध्यान में रखते हुए फैसला करेगा और यह निर्णय सबको स्वीकार्य होगा.

हरियाणा में मुख्यमंत्री पद की दावेदारी से जुड़े सवाल पर सिरसा से लोकसभा सदस्य सैलजा ने कहा, ‘‘मैं पहले भी कह चुकी हूं कि दावा चाहे कोई करे, लेकिन मुख्यमंत्री के नाम का फैसला आलाकमान ही करेगा, क्योंकि कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद के चयन की एक प्रक्रिया होती है.’’

जम्मू-कश्मीर में भाजपा लोकतांत्रिक फैसले को पचाने के लिए तैयार नहीं : कांग्रेस

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के नतीजों से एक दिन पहले कांग्रेस ने भाजपा पर 'दुर्भावनापूर्ण कदम' उठाने का आरोप लगाया है. कांग्रेस पार्टी ने कहा कि वह इस तरह के नापाक मंसूबों को विफल करने के लिए अपनी पूरी ताकत से काम करेगी. कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पोस्ट पर लिखा, "जम्मू-कश्मीर में जनादेश को स्पष्ट खतरा है. कांग्रेस-एनसी गठबंधन ऐतिहासिक जीत की ओर है, लेकिन भाजपा लोकतांत्रिक फैसले को पचाने के लिए तैयार नहीं है और अपने पास उपलब्ध किसी भी माध्यम से इसे पलटने की योजना बना रही है. हम उनकी सभी गंदी चालों के प्रति सतर्क हैं और उन्हें हमारे लोकतंत्र का अपहरण नहीं करने देंगे. जनादेश को बदलने के लिए संस्थानों और केंद्र की शक्तियों का दुरुपयोग बर्दाश्त नहीं किया जाएगा."

जम्मू-कश्मीर में जनादेश पलटने का भाजपा का मंसूबा, हम सतर्क हैं: कांग्रेस

कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने से एक दिन पहले, सोमवार को दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का मंसूबा इस केंद्रशासित प्रदेश में जनादेश पलटने का है. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने दावा किया कि कांग्रेस-नेकां गठबंधन के पक्ष में आने वाले लोगों के फैसले को नकारने के लिए दुर्भावनापूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं. रमेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘आसन्न हार को देखते हुए भाजपा बहुमत हासिल करने के लिए हताशापूर्ण खेल, खेल रही है और अपनी चाल में मदद मिल जाए, उसके लिए त्रिशंकु विधानसभा की उम्मीद कर रही है.’’ उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा जानती है कि जम्मू कश्मीर के लोगों ने कांग्रेस-नेकां गठबंधन को स्पष्ट जनादेश दिया है.

राज्य का दर्जा बहाल होने तक न बनाएं सरकार- इंजीनियर राशिद की अपील

लोकसभा सदस्य और अवामी इतिहाद पार्टी (एआईपी) के अध्यक्ष इंजीनियर राशिद ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर के मुख्यधारा के सभी क्षेत्रीय राजनीतिक दलों से अपील की है कि वे तब तक सरकार गठन का दावा न करें जब तक राज्य का दर्जा बहाल नहीं हो जाता. इंजीनियर राशिद ने कहा, "कल की मतगणना के बाद चाहे किसी भी राजनीतिक दल या राजनीतिक दलों के समूह को बहुमत मिले, मैं नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी), पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी), पीपुल्स कॉन्फ्रेंस (पीसी) और जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी समेत सभी मुख्यधारा के राजनीतिक दलों से अपील करूंगा कि वे दलगत राजनीति से ऊपर उठें और उन लोगों के व्यापक हित में एकजुट हों जिन्होंने उन्हें वोट दिया है."

J&K में सरकार गठन टालने का रशीद का सुझाव भाजपा के हाथों में खेलना है : उमर अब्दुल्ला

नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को कहा कि राज्य का दर्जा बहाल होने तक जम्मू कश्मीर में सरकार गठन को टालने का लोकसभा सदस्य शेख अब्दुल रशीद का सुझाव भाजपा के हाथों में खेलना है, जो जम्मू कश्मीर में केंद्र का शासन बढ़ाना चाहती है. अब्दुल्ला ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘वह आदमी 24 घंटे के लिए दिल्ली जाता है और वापस आकर सीधे भाजपा के हाथों में खेलता है. यदि भाजपा सरकार बनाने की स्थिति में नहीं है, तो वह जम्मू कश्मीर में केंद्रीय शासन को बढ़ाने के अलावा और कुछ नहीं चाहेगी.’’

वह राशिद की उस अपील पर प्रतिक्रिया दे रहे थे, जिसमें उन्होंने सभी गैर-भाजपा दलों से सरकार गठन में देरी करने की गुजारिश की थी. यह अपील राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए केंद्र पर दबाव बनाने की रणनीति के तौर पर की गई थी.

हरियाणा में कांग्रेस और J&K में 'गठबंधन' की सरकार बनेगी : सचिन पायलट

कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने सोमवार को विश्वास जताया कि हरियाणा में कांग्रेस एवं जम्मू कश्मीर में कांग्रेस अपने सहयोगी गठबंधन के साथ सरकार बनाएगी. पायलट ने कहा, कल दो राज्यों (हरियाणा और जम्मू कश्मीर) की मतगणना होगी। जैसा कि फीडबैक मिला है...व्यक्तिगत रूप से मैं मानता हूं कि एक बहुत अच्छे बहुमत के साथ हरियाणा में हम लोग (कांग्रेस) सरकार बनाने जा रहे हैं. भाजपा ने बहुत कोशिश की...जम्मू कश्मीर के अंदर तरह तरह की सियासी चालें चली हैं, लेकिन वहां पर मुझे लगता है कि स्पष्ट बहुमत हमारे गठबंधन को मिलेगा...जम्मू कश्मीर के सब लोग मिलकर कांग्रेस गठबंधन को बहुमत देंगे और दोनों राज्यों में हमलोग सरकार बनायेंगे.

नतीजों से एक दिन पहले ही राजनीति गर्म

नतीजों से एक दिन पहले ही राजनीति गरमा गई है. क्या जरूरत पड़ने पर कांग्रेस-नेकां, पीडीपी की मदद लेगी, इस सवाल पर नेकां अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने सोमवार को कहा कि उनकी पार्टी केंद्र शासित प्रदेश में सरकार बनाने के लिए महबूबा मुफ्ती की पार्टी का समर्थन लेने पर विचार को लेकर तैयार है. उन्होंने पांच आरक्षित सीटों पर सदस्यों को नामित करने का अधिकार उपराज्यपाल को देने के कदम की आलोचना करते हुए कहा कि यदि भाजपा नीत केंद्र सरकार इस पर आगे बढ़ती है तो उनकी पार्टी उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगी.

जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम

निर्वाचन आयोग के अधिकारियों के मुताबिक, सभी मतगणना केंद्रों पर त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सीमावर्ती केंद्र शासित प्रदेश में सब कुछ ठीक रहे. कश्मीर घाटी और जम्मू क्षेत्र के सभी केंद्रों पर सुरक्षाकर्मियों ने मोर्चा संभाल लिया है और वे पहरा दे रहे हैं.

873 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला कल

साल 2014 के बाद से जम्मू-कश्मीर में पहली बार विधानसभा चुनाव तीन चरणों में हुए. कश्मीर घाटी और जम्मू क्षेत्र की 90 सीटों में से पहले चरण में 24, दूसरे चरण में 26 और तीसरे चरण में 40 सीटों पर मतदान हुआ. केंद्र शासित प्रदेश की 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनावी मुकाबले में उतरे 873 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला मंगलवार शाम तक होने की संभावना है. इस बार मतदान 63.45 प्रतिशत रहा, जो 2014 के विधानसभा चुनाव में दर्ज 65.52 प्रतिशत से कम है.

J&K के चुनावी मैदान के बड़े चेहरे

चुनाव मैदान में उतरने वाले प्रमुख उम्मीदवारों में नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला (बडगाम और गंदेरबल, दो विधानसभा क्षेत्रों से चुनाव लड़ रहे हैं), पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के सज्जाद गनी लोन (हंदवाड़ा और कुपवाड़ा सीटों से), प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष तारिक हामिद कर्रा (बटमालू) और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र रैना (नौशेरा सीट) शामिल हैं. अन्य उम्मीदवारों में कांग्रेस महासचिव गुलाम अहमद मीर (डूरू), पीडीपी नेता वहीद पारा (पुलवामा), इल्तिजा मुफ्ती (बिजबेहरा), ‘जम्मू एंड कश्मीर-अपनी पार्टी’ के अध्यक्ष अल्ताफ बुखारी (चनापुरा), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के वरिष्ठ नेता मोहम्मद यूसुफ तारिगामी (कुलगाम) और पूर्व उपमुख्यमंत्री मुजफ्फर हुसैन बेग तथा तारा चंद शामिल हैं.

क्या कहते हैं J&K के एग्जिट पोल?

शनिवार को आए एग्जिट पोल में नेकां-कांग्रेस गठबंधन को बढ़त हासिल होती दिखाई गई है तथा क्षेत्रीय पार्टियों को भी कुछ सीटें मिलने की संभावना जताई गई है. भाजपा के 2014 के विधानसभा चुनावों में जीती गई 25 सीटों की संख्या में थोड़ा सुधार होने की उम्मीद है, वहीं 10 साल पहले हुए चुनावों में 28 सीटें जीतने वाली पीडीपी को इस बार 10 से भी कम सीटें मिलने का अनुमान है. यदि एग्जिट पोल पर विश्वास किया जाए तो पीपुल्स कॉन्फ्रेंस, जम्मू एंड कश्मीर अपनी पार्टी, गुलाम नबी आजाद की डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी और लोकसभा सदस्य शेख अब्दुल रशीद की अवामी इत्तेहाद पार्टी सहित नयी और उभरती पार्टियों के जीतने की संभावना ज्यादा नहीं है. इन पार्टियों और निर्दलीयों को मिलाकर करीब 10 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है.

J&K और हरियाणा में बनेगी NDA की सरकार : राजीव रंजन

हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों की वोटिंग पूरी होने बाद विभिन्न एजेंसियों के एग्जिट पोल्स भी आ चुके हैं. इन पोल्स में हरियाणा में कांग्रेस पार्टी को स्पष्ट बहुमत मिलने का पूर्वानुमान है. राज्य में पिछले 10 साल से शासन कर रही भारतीय जनता पार्टी इस बार हैट्रिक से चूकती नजर आ रही है. साथ ही जम्मू-कश्मीर में भी कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस के गठबंधन को अच्छी खासी बढ़त मिलती दिख रही है. 

जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा, “एग्जिट पोल और एक्चुअल पोल में अंतर है. हाल ही में छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान के एग्जिट पोल के जो रुझान आए थे, वास्तविक नतीजे उनसे अलग थे. लोकसभा चुनाव में भी विभिन्न सर्वेक्षण एजेंसियों ने विरोधाभासी दावे किए, लेकिन जब असली नतीजे आए, तो वे पूरी तरह से भिन्न थे. अब हम सटीक नतीजों का इंतजार कर रहे हैं. हम आश्वस्त हैं कि जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में एनडीए की सरकार बनेगी.”

जम्मू-कश्मीर में भाजपा बना रही सरकार : आशीष सूद

भाजपा जम्मू-कश्मीर के सह-प्रभारी आशीष सूद ने कहा, अब एग्जिट पोल के लिए परेशान होने की जरूरत नहीं है. क्योंकि, कुछ ही घंटों में नतीजे आ जाएंगे और सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा. जम्मू-कश्मीर में भाजपा की सरकार बन रही है. भाजपा द्वारा गठित सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में हम अपने घोषणापत्र के प्रमुख वादों को लागू होते देखेंगे. यह जम्मू-कश्मीर के विकास और हर भाजपा कार्यकर्ता के लिए एक ऐतिहासिक क्षण होगा, जो एक जनप्रतिनिधि के रूप में सेवा करने की इच्छा रखता है.

हरियाणा का नया सीएम कौन होगा? इसका फैसला हाईकमान करेगा : कुमारी शैलजा

एग्जिट पोल के पूर्वानुमानों में दावा किया गया है कि हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बनेगी. कांग्रेस हाईकमान के लिए सबसे बड़ा सवाल मुख्यमंत्री पद को लेकर है कि चुनाव जीतने के बाद किसे ताज पहनाया जाए. पार्टी की दिग्गज नेता कुमारी शैलजा ने भी सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीएम पद को लेकर उठ रहे सवालों पर कहा कि पार्टी हाईकमान ही इस पर फैसला करेगा. 

उन्होंने कहा कि दो चीजें होती हैं. पहली, विधायकों की बैठक होती है. उसमें विधायकों से व्यक्तिगत तौर पर भी पूछा जाता है. दूसरी, सीएम पद के लिए चेहरा कौन हो सकता है, यह हाईकमान तय करता है

जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा के चुनाव हुए हैं. इस बार कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) ने गठबंधन में चुनाव लड़ा. वहीं, BJP और महबूबा मुफ्ती की पार्टी PDP ने स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ा. ज्यादातर एग्जिट पोल में जम्मू-कश्मीर में खंडित जनादेश का अनुमान जताया गया है. हालांकि, कुछ एग्जिट पोल में कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के गठबंधन को बहुमत (46) के करीब दिखाया गया है.

हरियाणा की बात करें तो यहां कांग्रेस, BJP और AAP ने अकेले चुनाव लड़ा. ILND ने बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन किया था. जबकि, JJP यूपी के नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद की आजाद समाज पार्टी (ASP) के साथ चुनाव में उतरी थी. ज्यादातर एग्जिट पोल में हरियाणा में 10 साल बाद BJP की विदाई होती दिख रही है, जबकि कांग्रेस बंपर बहुमत के साथ सरकार बनाती दिख रही है.

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