
जाट आंदोलन के दौरान हुई हिंसा का फाइल फोटो...
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आगजनी और हिंसा की घटनाओं की जांच के लिए सीबीआई जांच की सिफारिश की.
जांच 'आपराधिक और राजनीतिक' कोण से करने का अनुरोध किया गया.
प्रदर्शनकारियों ने कई सरकारी और निजी इमारतें क्षतिग्रस्त कर दी थीं.
एक सूत्र ने बताया कि केंद्र से व्यापक स्तर पर हुई हिंसा और सार्वजनिक संपत्ति को पहुंचाए गए नुकसान की जांच 'आपराधिक और राजनीतिक' कोण से करने का अनुरोध किया गया है. जिस संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया, उसमें पुलिस महानिरीक्षक का आवास, सर्किट हाउस, मंत्री आवास और सरकारी इमारतें शामिल हैं.
नौकरियों और शिक्षा में जाटों को आरक्षण की मांग के लिए हुए जाट आंदोलन का केंद्र रोहतक था. इसमें 30 से ज्यादा लोगों की जानें चली गई थीं और करोड़ों रुपये की संपत्ति नष्ट हो गई थी.
प्रदर्शनकारियों ने कई सरकारी और निजी इमारतें क्षतिग्रस्त कर दी थीं. इनमें कैप्टन अभिमन्यु का आलीशान मकान भी शामिल था. इसको लेकर व्यापक स्तर पर आलोचना और गुस्सा भड़क उठा था.
इस साल 19 फरवरी को मंत्री के घर में एक भीड़ घुस गई थी. भीड़ ने मकान में आग लगा दी और मंत्री के परिवार के नौ सदस्यों को कथित तौर पर मार डालने की कोशिश की.
उस समय मंत्री चंडीगढ़ में थे. उन्होंने बाद में कहा, 'यह मेरे पूरे परिवार को मिटा देने की राजनीतिक साजिश थी. यह उन असंतुष्ट तत्वों और राजनीतिक विरोधियों की साजिश थी, जो लोकतांत्रिक तरीकों से सत्ता के गलियारों तक नहीं पहुंच पाए.' मंत्री ने केंद्रीय एजेंसी द्वारा जांच का स्वागत करते हुए कहा, 'हर कोई सच जानना चाहता है.'
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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