सोमवार को कोर्ट द्वारा नियुक्त एडवोकेट कमीशन ने ज्ञानवापी मस्ज़िद के सर्वे का काम पूरा कर लिया. लेकिन इस बीच हिंदू पक्ष ने दावा किया है कि मस्ज़िद परिसर में वजू करने के लिए बने तालाब में शिवलिंग है. वहीं मुस्लिम पक्ष का दावा है कि हिंदू पक्ष फव्वारे को शिवलिंग बता रहा है. दरअसल, सर्वे का काम पूरा होते ही हिंदू पक्ष के लोग “हर हर महादेव” का उद्घोष करते हुए ज्ञानवापी मस्ज़िद से बाहर निकले और दावा करने लगे कि मस्ज़िद में जहां मुसलमान नमाज़ से पहले वजू करते हैं, उस तालाब में शिवलिंग मिला है.
हिंदू पक्ष के वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने कहा कि हमने कल भी आपत्ति जताई थी और आज जब पानी निकाला गया तो वहां शिवलिंग नज़र आई. वहीं हिंदू पक्षकार सोहनलाल आर्या ने कहा, “बाबा मिल गए, समझ लीजिए कि पानी की गहराई में जाकर बाबा मिल गए.
वहीं जब तक मुस्लिम पक्ष समझता या संभलता तब तक ये मामला फिर न्यायालय पहुंच गया. हिंदू पक्ष ने वाराणसी अदालत में याचिका दाखिल कर मांग की कि जिस तालाब में कथित शिवलिंग मिला है, उसे तुरंत सील कर दिया जाए. जिसके बाद अदालत ने जिलाधिकारी को मस्ज़िद के अंदर वजू के लिए मौजूद तालाब को तुरंत सील करने के आदेश दे दिए.
वहीं मुस्लिम पक्ष ने शिवलिंग के दावे को ख़ारिज करते हुए कहा कि जिसे हिंदू पक्ष शिवलिंग कह रहा है वो खराब फव्वारा है. साथ ही साथ मुस्लिम पक्ष ने दावा किया कि वजू करने वाले तालाब को बिना उनका पक्ष सुने सील कर दिया गया. ज्ञानवापी मस्जिद के वकील रईस अहमद अंसारी ने कहा कि ये फव्वारे को शिवलिंग बताकर पूरे देश को गुमराह कर रहे हैं.
गौरतलब है कि मंगलवार का दिन इस पूरे मामले के लिए बेहद अहम होने वाला है. जहां एक तरफ़ एडवोकेट कमिश्नर अपनी रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल करेंगे तो वहीं दूसरी तरफ़ सुप्रीम कोर्ट ज्ञानवापी मस्ज़िद में सर्वे पर रोक लगाने की याचिका पर सुनवाई करेगा.
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