नई दिल्ली:
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने सात वर्षीय बच्चे की मौत के मामले में गुरुग्राम के रयान इंटरनेशनल स्कूल को कारण बताओ नोटिस जारी करके पूछा है कि उसकी मान्यता वापस क्यों नहीं ली जाए. सीबीएसई के नोटिस में कहा गया है कि लड़के की मौत को टाला जा सकता था अगर स्कूल अधिकारियों ने कर्तव्यों को जिम्मेदारी, देखभाल और ईमानदारी से निभाया होता. उसने यह भी कहा कि स्कूल सुरक्षा से जुड़े बुनियादी कदम भी उठाने में नाकाम रहा.
स्कूल में सात साल के छात्र प्रद्युम्न कुमार की हत्या के बाद सीबीएसई ने दो सदस्यीय तथ्यान्वेषी समिति का गठन किया था. इस समिति ने कहा कि घटनाक्रमों से ऐसा लगता है कि रयान इंटरनेशनल घोर लापरवाही का दोषी है. कारण बताओ नोटिस में कहा गया है कि अगर स्कूल ने अधिक सावधनी बरती होती तो बच्चे की मौत को टाला जा सकता था.
नोटिस में कहा गया है, ‘‘अगर स्कूल प्रशासन ने जिम्मेदारी, सावधानी और सुरक्षा के साथ कर्तव्य का निवर्हन किया होता तो इस दुर्भाग्यपूर्ण मौत को टाला जा सकता था. स्कूल बोर्ड की ओर से तय सुरक्षा से जुड़े बुनियादी कदम उठाने में नाकाम रहा.’’ नोटिस में कहा गया है, ‘‘पूरे घटनाक्रम से ऐसा लगता है कि स्कूल घोर लापरवाही का दोषी है और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में विफल रहा.’’ स्कूल प्रशासन से कहा गया है कि वह 15 दिनों के भीतर जवाब दे कि सीबीएसई के नियमों का उल्लंघन करने के लिए उसकी अंतरिम मान्यता क्यों वापस नहीं ली जानी चाहिए.
जांच समिति ने कहा कि स्कूलों में ड्राइवरों, कंडक्टरों और सफाईकर्मियों के लिए कोई अलग शौचालय नहीं था और वे छात्रों एवं कर्मचारियों के लिए बने शौचालय का इस्तेमाल कर रहे थे. समिति ने स्कूल परिसर में पर्याप्त संख्या में सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे होने का भी संज्ञान लिया और कहा कि लगे हुए ज्यादातर कैमरे काम नहीं कर रहे थे.
VIDEO: स्कूल मैनेजमेंट पर कार्रवाई की तलवार
(इनपुट भाषा से...)
स्कूल में सात साल के छात्र प्रद्युम्न कुमार की हत्या के बाद सीबीएसई ने दो सदस्यीय तथ्यान्वेषी समिति का गठन किया था. इस समिति ने कहा कि घटनाक्रमों से ऐसा लगता है कि रयान इंटरनेशनल घोर लापरवाही का दोषी है. कारण बताओ नोटिस में कहा गया है कि अगर स्कूल ने अधिक सावधनी बरती होती तो बच्चे की मौत को टाला जा सकता था.
नोटिस में कहा गया है, ‘‘अगर स्कूल प्रशासन ने जिम्मेदारी, सावधानी और सुरक्षा के साथ कर्तव्य का निवर्हन किया होता तो इस दुर्भाग्यपूर्ण मौत को टाला जा सकता था. स्कूल बोर्ड की ओर से तय सुरक्षा से जुड़े बुनियादी कदम उठाने में नाकाम रहा.’’ नोटिस में कहा गया है, ‘‘पूरे घटनाक्रम से ऐसा लगता है कि स्कूल घोर लापरवाही का दोषी है और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में विफल रहा.’’ स्कूल प्रशासन से कहा गया है कि वह 15 दिनों के भीतर जवाब दे कि सीबीएसई के नियमों का उल्लंघन करने के लिए उसकी अंतरिम मान्यता क्यों वापस नहीं ली जानी चाहिए.
जांच समिति ने कहा कि स्कूलों में ड्राइवरों, कंडक्टरों और सफाईकर्मियों के लिए कोई अलग शौचालय नहीं था और वे छात्रों एवं कर्मचारियों के लिए बने शौचालय का इस्तेमाल कर रहे थे. समिति ने स्कूल परिसर में पर्याप्त संख्या में सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे होने का भी संज्ञान लिया और कहा कि लगे हुए ज्यादातर कैमरे काम नहीं कर रहे थे.
VIDEO: स्कूल मैनेजमेंट पर कार्रवाई की तलवार
(इनपुट भाषा से...)
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