अहमद पटेल का राजनीतिक भविष्य दांव पर लगा हुआ था..
नई दिल्ली:
दिनभर की गहमागहमी के बाद गुजरात राज्यसभा चुनाव के नतीजे मंगलवार की देर रात अहमद पटेल गुजरात से राज्यसभा का चुनाव जीत गए हैं. अगर यह सही है तो कांग्रेस के अहमद पटेल ने बीजेपी की रणनीति को ध्वस्त करते हुए बाजी मार ली. न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में रिटर्निंग ऑफिसर ने कहा, 'कांग्रेस के अहमद पटेल को 44 वोट मिले. वही बीजेपी के अमित शाह को 46 और स्मृति ईरानी को भी 46 वोट मिले.' उन्होंने कहा कि बलवंत सिंह राजपूत को 38 वोट मिले.
आयोग के आदेश पर वोटों की गिनती शुरू गई. इससे पहले कांग्रेस का प्रतिनिधि मंडल वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम के नेतृत्व में आयोग से मिला था. उधर, बीजेपी के प्रतिनिधिमंडल ने वित्त मंत्री अरुण जेटली, रविशंकर प्रसाद और पीयूष गोयल के नेतृत्व में चुनाव आयोग से मुलाकात करके जल्द मतगणना की मांग की थी.
पढ़ें: मैंने अहमद पटेल को नहीं दिया वोट, कांग्रेस को वोट देने का मतलब नहीं : शंकर सिंह वाघेला
VIDEO : चुनाव आयोग ने रद्द किए दो वोट
कांग्रेस की ओर वरिष्ठ कांग्रेसी नेता पी चिदंबरम के नेतृत्व में चुनाव आयोग से मिला था. बाद में मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा था, "हमने चुनाव आयोग से पुराने संदर्भ देते हुए कहा है कि इसी तरह का मामला पहले ही हो चुका है. बैलेट पेपर अधिकृत व्यक्ति के अलावा किसी और व्यक्ति द्वारा देखे जाने पर उन्हें रद्द कर दिया गया था. हमने आयोग से इसी आधार पर कहा है कि गुजरात में यही नियम लागू होना चाहिए. हमने यह भी कहा है कि पीठासीन अधिकारी ने नियमों का उल्लंघन किया है. हमने तत्काल आपत्ति जताई थी लेकिन पीठासीन अधिकारी ने हमारी खारिज कर दी. हमने इन दो वोटों को रिजेक्ट करने की मांग की है."
आयोग के आदेश पर वोटों की गिनती शुरू गई. इससे पहले कांग्रेस का प्रतिनिधि मंडल वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम के नेतृत्व में आयोग से मिला था. उधर, बीजेपी के प्रतिनिधिमंडल ने वित्त मंत्री अरुण जेटली, रविशंकर प्रसाद और पीयूष गोयल के नेतृत्व में चुनाव आयोग से मुलाकात करके जल्द मतगणना की मांग की थी.
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कांग्रेस की ओर वरिष्ठ कांग्रेसी नेता पी चिदंबरम के नेतृत्व में चुनाव आयोग से मिला था. बाद में मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा था, "हमने चुनाव आयोग से पुराने संदर्भ देते हुए कहा है कि इसी तरह का मामला पहले ही हो चुका है. बैलेट पेपर अधिकृत व्यक्ति के अलावा किसी और व्यक्ति द्वारा देखे जाने पर उन्हें रद्द कर दिया गया था. हमने आयोग से इसी आधार पर कहा है कि गुजरात में यही नियम लागू होना चाहिए. हमने यह भी कहा है कि पीठासीन अधिकारी ने नियमों का उल्लंघन किया है. हमने तत्काल आपत्ति जताई थी लेकिन पीठासीन अधिकारी ने हमारी खारिज कर दी. हमने इन दो वोटों को रिजेक्ट करने की मांग की है."
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