विज्ञापन
This Article is From Jan 06, 2014

गुजरात पुलिस ने जासूसी मामले में मोदी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने से इनकार किया

गुजरात पुलिस ने जासूसी मामले में मोदी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने से इनकार किया
अहमदाबाद:

गुजरात पुलिस ने सोमवार को मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी, उनके सहायक अमित शाह और अन्य के खिलाफ निलंबित आईएएस अधिकारी प्रदीप शर्मा की शिकायत पर जासूसी मामले में प्राथमिकी दर्ज करने से मना कर दिया। शर्मा ने इसको लेकर अदालत का दरवाजा खटखटाने की धमकी दी।

शर्मा ने अपनी शिकायत के साथ गांधीनगर पुलिस का दरवाजा खटखटाया और प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की लेकिन पुलिस ने महज उनका आवेदन स्वीकार किया। जासूसी विवाद में शर्मा का नाम भी आया है।

शर्मा ने कहा, ‘‘सेक्टर सात थाना के पुलिस निरीक्षक (प्रभारी) ने आवेदन स्वीकार किया, लेकिन प्राथमिकी दर्ज करने से मना कर दिया। इसलिए अब मैं अपनी शिकायत दर्ज कराने पुलिस अधीक्षक कार्यालय जा रहा हूं।’’ उन्होंने कहा कि अगर प्राथमिकी दर्ज कराने का उनका प्रयास विफल रहा तो वह अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे।

निलंबित आईएएस अधिकारी ने कहा कि वह असंतुष्ट पक्ष हैं और इसलिए प्राथमिकी दर्ज कराने का उन्हें अधिकार है।

उन्होंने कहा, ‘‘सेक्टर-7 थाना के अधिकारियों ने शुरुआत में कोई कार्रवाई करने से मना कर दिया। उन्होंने मुझसे आयोग या अदालत जाने को कहा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह संज्ञेय अपराध है और उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि संज्ञेय अपराध में प्राथमिकी दर्ज की जानी चाहिए। मैंने दो वेबसाइटों (गुलेल और कोबरा पोस्ट) की ऑडियो क्लिपिंग के साक्ष्य सौंपे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मेरी शिकायत मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व गृह राज्य मंत्री अमित शाह, तत्कालीन महानिरीक्षक (खुफिया) एके शर्मा और अन्य के खिलाफ है।’’

शर्मा ने यह भी कहा कि मामले की जांच के लिए गठित आयोग के पास अनुशंसा करने की शक्तियां हैं लेकिन यह पुलिस है जिसे प्राथमिकी दर्ज करनी है, जांच करनी है और मुकदमा चलाना है। उन्होंने कहा, ‘‘जांच आयोग का आपराधिक गतिविधि से कोई लेना-देना नहीं है। अगर कोई आपराधिक मामला होता है तो प्राथमिकी दर्ज की जानी चाहिए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘आयोग अपराधिता की जांच नहीं करता है।’’ गांधीनगर के पुलिस अधीक्षक शरद सिंघल से संपर्क किए जाने पर उन्होंने कहा कि शर्मा के आवेदन को स्वीकार कर लिया गया है लेकिन उन्होंने विस्तृत विवरण देने से इंकार कर दिया।

दो खोजी समाचार पोर्टलों कोबरापोस्ट डॉट कॉम और गुलेल डॉट कॉम ने 15 नवंबर को दावा किया था कि राज्य के पूर्व गृह राज्य मंत्री अमित शाह ने किसी ‘‘साहब’’ के इशारे पर एक महिला की अवैध निगरानी का आदेश दिया था। ऐसा समझा जाता है कि वह साहब ‘मोदी’ थे।

उन्होंने अपने दावे के समर्थन में शाह और निलंबित आईपीएस अधिकारी जी एल सिंघल के बीच बातचीत का टेप जारी किया था लेकिन उन्होंने कहा कि उसकी प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं की जा सकती।

यह पूछे जाने पर कि क्या जासूसी विवाद की जांच के लिए गुजरात सरकार की ओर से गठित सुगना भट्ट आयोग ने उन्हें तलब किया है या वह खुद से इस मुद्दे पर आयोग से संपर्क करेंगे तो शर्मा ने कहा, ‘‘ये दो अलग बातें हैं।’’

शर्मा ने कहा, ‘‘पहले उन्हें अपराध की शिकायत दर्ज करनी होगी और इसके आधार पर जांच करनी होगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जांच आयोग द्वारा की गई जांच के निष्कर्षों को विधानसभा में रखा जाएगा। वह आपराधिक विधिशास्त्र का कृत्य नहीं है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें मुझसे साफ तौर पर कहना होगा कि यह अपराध का मामला है और इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई है।’’ शर्मा ने कहा कि यह राज्य सरकार को फैसला करना है कि वह गुजरात पुलिस से मामले की जांच कराना चाहती है या सीबीआई से।

शर्मा की भी फोन पर बातचीत को राज्य की सुरक्षा एजेंसियों ने टैप किया था। वह गुजरात में छह आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं।

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
गुजरात पुलिस, मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह, आईएएस अधिकारी प्रदीप शर्मा, Gujarat Police, IAS Pradeep Sharma, Chief Minister Narendra Modi, Amit Shah
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com