विज्ञापन
This Article is From Aug 12, 2023

गुजरात के मंत्री ने दो बांध बनाने की योजना पर आपत्ति जताते हुए राजस्थान सरकार को पत्र लिखा

बावलिया के अनुसार, राजस्थान को 40 साल पहले गुजरात के मेहसाणा जिले में साबरमती नदी पर धरोई बांध बनाते समय हस्ताक्षरित जल-बंटवारा समझौते का पालन करना चाहिए. साबरमती नदी राजस्थान से निकलती है, जबकि सेई एक सहायक नदी है, जो उत्तरी गुजरात में प्रवेश करने से पहले साबरमती में विलीन हो जाती है. धरोई बांध उत्तरी गुजरात में स्थित है.

गुजरात के मंत्री ने दो बांध बनाने की योजना पर आपत्ति जताते हुए राजस्थान सरकार को पत्र लिखा

अहमदाबाद: कांग्रेस शासित राजस्थान के धरोई बांध पर दो बांध बनाने की योजना पर काम करने संबंधी खबरों को लेकर उपजे विवाद के बीच गुजरात सरकार ने विरोध जताते हुए कहा है कि इस परियोजना से जल बंटवारे के समझौते का उल्लंघन होगा. गुजरात के जल संसाधन मंत्री कुंवरजी बावलिया ने शुक्रवार को पत्रकारों से कहा कि उन्होंने दोनों राज्यों की सीमा के पास साबरमती और सेई नदियों पर बांध बनाने की योजना के बारे में राजस्थान सरकार को पत्र लिखा है. चिंताएं जताई गई हैं कि यदि ऐसी योजना लागू की गई, तो धरोई बांध को पानी नहीं मिलेगा.

बावलिया के अनुसार, राजस्थान को 40 साल पहले गुजरात के मेहसाणा जिले में साबरमती नदी पर धरोई बांध बनाते समय हस्ताक्षरित जल-बंटवारा समझौते का पालन करना चाहिए. साबरमती नदी राजस्थान से निकलती है, जबकि सेई एक सहायक नदी है, जो उत्तरी गुजरात में प्रवेश करने से पहले साबरमती में विलीन हो जाती है. धरोई बांध उत्तरी गुजरात में स्थित है.

मंत्री ने कहा कि जल वितरण दोनों राज्यों द्वारा पूर्व में हस्ताक्षरित जल संधि के अनुसार किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, “अब ऐसा प्रतीत होता है कि राजस्थान ऊपर की ओर बांध बनाकर पानी को मोड़ने की कोशिश कर रहा है. हमने इस संबंध में राजस्थान सरकार को एक पत्र लिखा है और केंद्र से भी यह आग्रह किया है कि वह यह देखे कि राजस्थान बांध बनाने की अपनी योजना को आगे न बढ़ाए.''

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक और पूर्व मंत्री रमनलाल वोरा ने हाल ही में राजस्थान में साबरमती और सेई नदियों पर बांध बनाने की योजना को लेकर मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल को पत्र लिखा था. मेहसाणा जिले के धरोई गांव के पास साबरमती नदी पर बांध का निर्माण 1971 में शुरू और 1978 में समाप्त हुआ था.

भाजपा के वरिष्ठ नेता वोरा ने कहा, “1971 में दोनों राज्यों द्वारा हस्ताक्षरित एक समझौते के मुताबिक, राजस्थान धरोई बांध से 350 किलोमीटर तक बांध नहीं बना सकता. मैंने व्यक्तिगत रूप से इस मुद्दे पर बावलिया और गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल से मुलाकात की है और उनसे आग्रह किया है कि अगर ये बांध समझौते का उल्लंघन कर बनाए जा रहे हैं, तो उचित कदम उठाए जाएं.”

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com