गुजरात के मोरबी (Gujarat Bridge Collapse) में हुए पुल हादसे में अभी तक 91 लोगों की मौत की खबर आ रही है, जबकि अभी भी कई लोग लापता हैं. घटनास्थल पर राहत और बचाव कार्य जारी है. इन सब के बीच गुजरात सरकार ने इस बड़े हादसे की जिम्मेदारी ली है. गुजरात सरकार के मंत्री बृजेश मेरजा ने NDTV से बातचीत में कहा कि हम इस हादसे की जिम्मेदारी लेते हैं. इस ब्रीज की पिछले ही सप्ताह मरम्मत की गई थी. हम हैरान हैं कि ये हादसा कैसे हो गया. फिलहाल इस घटना की जांच की जा रही है. सरकार के सभी आला अधिकारी मौके पर मौजूद हैं.
बताया जाता है कि जब पुल गिरा उस समय उस पर करीब 500 लोग सवार थे. मौके पर बचाव कार्य जोरों से चल रहा है. रिपोर्टों के मुताबिक मोरबी में आज सस्पेंशन ब्रिज गिर गया. करीब 100 लोगों के अभी भी पानी में फंसे होने की आशंका है. इस पुल को चार दिन पहले मरम्मत के बाद खोला गया था. गुजरात सरकार ने इस दुर्घटना की जिम्मेदारी ली है.
इस हादसे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और संबंधित अधिकारियों से बात की. उन्होंने बचाव अभियान के लिए तत्काल टीमों को लगाने की मांग की है. उन्होंने स्थिति की बारीकी से और लगातार निगरानी करने और प्रभावित लोगों को हरसंभव मदद देने को कहा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोरबी में हुए हादसे में जान गंवाने वालों में से प्रत्येक के परिजनों के लिए PMNRF से दो लाख रुपये की मदद राशि की घोषणा की है. प्रत्येक घायल को 50,000 रुपये दिए जाएंगे. राज्य सरकार प्रत्येक मृतक के परिवार को चार लाख रुपये और प्रत्येक घायल को 50,000 रुपये का मुआवजा देगी.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुजरात में मोरबी केबल पुल गिरने की घटना पर चिंता व्यक्त की है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मोरबी में हुए हादसे पर दुख जताया है. उन्होंने कहा है कि इस विषय में उन्होंने गुजरात के गृह राज्यमंत्री हर्ष संघवी व अन्य अधिकारियों से बात की है. स्थानीय प्रशासन पूरी तत्परता से राहत कार्य में लगा है.
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