वडोदरा: वडोदरा की जिस झील में हाल में हुए नौका हादसे में 12 विद्यार्थियों और दो शिक्षकों की मौत हुई थी उसके किनारे के रखरखाव का ठेका प्राप्त करने वाली निजी कंपनी के साझेदार को ओडिशा से बुधवार को पकड़ लिया गया. पुलिस ने यह जानकारी दी. पुलिस ने बताया कि प्राथमिकी में 19 लोगों को नामजद किया गया है और अबतक सात लोगों को सलाखों के पीछे भेजा जा चुका है.
सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) मनोज निनामा ने बताया कि वडोदरा के बाहरी इलाके में स्थित हरनी क्षेत्र में मोटनाथ झील की देखरेख की जिम्मेदारी कोटिया प्रोजेक्ट्स को दी गई थी जिसके हिस्सेदार गोपाल शाह को ओडिशा के टिटलागढ़ से गिरफ्तार किया गया है. निनामा ने बताया कि ओडिशा से शाह को वडोदरा लाने की प्रक्रिया चल रही है और विस्तृत जानकारी आरोपी को गुजरात लाने के बाद दी जाएगी.
उल्लेखनीय है कि 18 जनवरी को मोटनाथ झील में पिकनिक मनाने न्यू सनराइज स्कूल के बच्चे और शिक्षक गए थे और नाव क्षमता से अधिक भार होने की वजह से पलट गई. इस हादसे में 12 विद्यार्थियों और दो शिक्षकों की डूबने से मौत हो गई जबकि 18 विद्यार्थियों और दो शिक्षकों को बचा लिया गया.
पुलिस ने नाव हादसे के सिलसिले में 19 लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) और 308 (गैर इरादतन हत्या का प्रयास) के तहत मामला दर्ज किया है. प्राथमिकी के अनुसार, 2017 में वडोदरा नगर निगम (वीएमसी) ने कोटिया प्रोजेक्ट्स को हरनी झील क्षेत्र को संचालित करने और देखरेख का ठेका दिया था.
वीएमसी ने अपनी शिकायत में ठेकेदार की ओर से नावों का रखरखाव न करने और पर्याप्त संख्या में जीवन रक्षक उपकरण और लाइफ जैकेट न रखने सहित कई खामियों की ओर इशारा किया था. पूरे प्रकरण की जांच वडोदरा की अपराध शाखा एक विशेष जांच दल (एसआईटी) की देखरेख में कर रही है, जिसका नेतृत्व एसीपी निनामा कर रहे हैं. मामले में कोटिया प्रोजेक्ट्स के चार साझेदार भीमसिंह यादव, वेदप्रकाश यादव, रश्मिकांत प्रजापति और बिनीत कोटिया, फर्म के प्रबंधक शांतिलाल सोलंकी और नाव संचालक नयन गोहिल और अंकित वसावा सहित सात लोग हिरासत में लिए गए हैं.
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