मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के वफादार 90 से अधिक विधायकों ने सचिन पायलट को राजस्थान में मुख्यमंत्री पद पर स्वीकार करने से इनकार कर दिया है और 2020 में उनके विद्रोह का मुद्दा उठाया है. आज शाम विधायक शांति धारीवाल के घर पर हुई एक बैठक में, उन्होंने यह कहते हुए एक प्रस्ताव पारित किया कि मुख्यमंत्री को उन लोगों में से चुना जाना चाहिए जिन्होंने उस समय सरकार का समर्थन किया था. गहलोत सरकार में मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा कि सभी विधायकों ने कहा कि सभी विधायकों ने कहा कि राजस्थान में कांग्रेस का षड्यंत्र कामयाब नहीं होना चाहिए. वो लोग जो कल तक कांग्रेस की सरकार को गिरा रहे थे उन्हें स्वीकार नहीं किया जाएगा. सचिन पायलट का नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि जो पार्टी के लिए वफादार है उनके ऊपर ही मुख्यमंत्री पद को लेकर विचार किया जाए.
इससे पहले विधायक खाचरियावास ने मीडिया से कहा कि हम सभी विधायक विधानसभा अध्यक्ष से मिलकर अपने पद से इस्तीफा देंगे. उन्होंने आगे कहा कि पार्टी हमारी नहीं सुनती है, फैसले अपने आप हो जाते हैं. जरूरत पड़ी तो हम दिल्ली भी जाएंगे. हाईकमान हमारे मुखिया है. सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अशोक गहलोत आह्वान करेंगे तो हम जान देंगे. अभी हम 125 के करीब विधायक है हमारे साथ निर्दलीय विधायक भी हैं. विधायक पहले ही तय कर चुके थे कि वो विधायक दल की बैठक में नहीं जाएंगे. विधायकों को लगता है कि फैसला उनसे पूछे बगैर लिया जा रहा है.
इससे पहले राजस्थान में विधायक दल की बैठक से पहले अशोक गहलोत कैंप के करीब 56 MLA शांति धारीवाल के घर पहुंचे थे. धारीवाल को अशोक गहलोत का करीबी बताया जाता है.
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