पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के घर पर सीबीआई छापों ने एनडीए सरकार और कांग्रेस पार्टी को आमने-सामने खड़ा कर दिया है.
नई दिल्ली:
चेन्नई में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के घर पर सीबीआई छापों ने एनडीए सरकार और कांग्रेस पार्टी को आमने-सामने खड़ा कर दिया है. एनडीए सरकार ने साफ कर दिया है कि सीबीआई इस पूरे मामले की तह तक तहकीकात करेगी. कार्ति चिदंबरम के ठिकानों पर छापों को पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने राजनीतिक बदला क़रार दिया. जवाब देने केंद्र सरकार के ऊर्जा मंत्री पीयुष गोयल आए. पीयूष गोयल ने कहा, "ये जवाबदेही तय करने का दिन है. असली सवाल ये है कि क्यों जिस कंपनी को FIPB की मंजूरी दी गई उसने कार्ति चिदंबरम की कंपनी को पैसे दिये?"
फिलहाल कार्तिक चिदंबरम आरोपी हैं. सोमवार को आइएनएक्स मीडिया के मामले में हुई एफ़आईआर में कहा गया है कि पीटर और इंद्राणी मुखर्जी की कंपनी आईएनएक्स मीडिया को चिदंबरम और कार्ति चिदंबरम ने गलत तरीक़े से मदद की कंपनी को चार करोड़ के विदेशी निवेश की इजाज़त थी. कंपनी 305 करोड़ का निवेश ले आई. विदेशी निवेश प्रमोशन बोर्ड ने इजाज़त नहीं दी जबकि वित्त मंत्री रहते पी चिदंबरम ने इसे हरी झंडी दिखा दी. आरोप ये भी है कि कार्ति चिदंबरम को इसके लिए 3.5 करोड़ से ज़्यादा रुपये दिए गए.
उधर पी चिदंबरम का कहना है कि सरकार की कोशिश उनको चुप करने की है, उनको लिखने से रोकने की है. एक बयान जारी कर उन्होंने कहा कि सैकड़ों मामलों में FIPB को मंज़ूरी दी जाती है; FIPB मंज़ूरी क़ानूनी प्रक्रिया के तहत होती है; मेरे ख़िलाफ़ कोई आरोप नहीं है और सरकार CBI के ज़रिए मेरे बेटे को निशाना बना रही है.
पीयूष गोयल ने जवाब देते हुए कटाक्ष किया, "चिदंबरम की अखबार में छपने वाले कालम की कोई अहमियत नहीं है". कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस और पी चिंदबरम पर सीबीआई की कार्रवाई का कोई असर नहीं पड़ेगा. साफ है, ये तकरार जल्दी खत्म होगा इसके आसार फिलहाल नहीं दिखाई देते हैं.
फिलहाल कार्तिक चिदंबरम आरोपी हैं. सोमवार को आइएनएक्स मीडिया के मामले में हुई एफ़आईआर में कहा गया है कि पीटर और इंद्राणी मुखर्जी की कंपनी आईएनएक्स मीडिया को चिदंबरम और कार्ति चिदंबरम ने गलत तरीक़े से मदद की कंपनी को चार करोड़ के विदेशी निवेश की इजाज़त थी. कंपनी 305 करोड़ का निवेश ले आई. विदेशी निवेश प्रमोशन बोर्ड ने इजाज़त नहीं दी जबकि वित्त मंत्री रहते पी चिदंबरम ने इसे हरी झंडी दिखा दी. आरोप ये भी है कि कार्ति चिदंबरम को इसके लिए 3.5 करोड़ से ज़्यादा रुपये दिए गए.
उधर पी चिदंबरम का कहना है कि सरकार की कोशिश उनको चुप करने की है, उनको लिखने से रोकने की है. एक बयान जारी कर उन्होंने कहा कि सैकड़ों मामलों में FIPB को मंज़ूरी दी जाती है; FIPB मंज़ूरी क़ानूनी प्रक्रिया के तहत होती है; मेरे ख़िलाफ़ कोई आरोप नहीं है और सरकार CBI के ज़रिए मेरे बेटे को निशाना बना रही है.
पीयूष गोयल ने जवाब देते हुए कटाक्ष किया, "चिदंबरम की अखबार में छपने वाले कालम की कोई अहमियत नहीं है". कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस और पी चिंदबरम पर सीबीआई की कार्रवाई का कोई असर नहीं पड़ेगा. साफ है, ये तकरार जल्दी खत्म होगा इसके आसार फिलहाल नहीं दिखाई देते हैं.
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