सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की पीठ आज यानी शनिवार को अयोध्या भूमि विवाद मामले (Ayodhya Verdict) में सुबह साढ़े दस बजे अपना फैसला सुनाने जा रही है. इसे फैसले को लेकर सरकार ने अयोध्या (Ayodhya Verdict) समेत देश के सभी संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा चाकचौबंद कर दी है. साथ ही फैसले के केंद्र सरकार ने उन सभी पांच जजों जिनमें चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई (CJI Ranjan Gogoi), जस्टिस एस ए बोबडे, जस्टिस धनन्जय वाई चन्द्रचूड़ , जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस अब्दुल नजीर शामिल हैं, की सुरक्षा भी बढ़ा दी है. सूत्रों के अनुसार CJI रंजन गोगोई की सुरक्षा को Z श्रेणी का कर दिया गया है.
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इस फैसले से पहले पीएम मोदी ने देशवासियों से फैसले के बाद देश में शांति बनाए रखने की अपील की है. उन्होंने शुक्रवार की शाम एक के बाद एक किए कई ट्वीट में लिखा कि देश की न्यायपालिका के मान-सम्मान को सर्वोपरि रखते हुए समाज के सभी पक्षों ने, सामाजिक-सांस्कृतिक संगठनों ने, सभी पक्षकारों ने बीते दिनों सौहार्दपूर्ण और सकारात्मक वातावरण बनाने के लिए जो प्रयास किए, वे स्वागत योग्य हैं. कोर्ट के निर्णय के बाद भी हम सबको मिलकर सौहार्द बनाए रखना है. एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा कि अयोध्या पर कल सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आ रहा है. पिछले कुछ महीनों से सुप्रीम कोर्ट में निरंतर इस विषय पर सुनवाई हो रही थी, पूरा देश उत्सुकता से देख रहा था. इस दौरान समाज के सभी वर्गों की तरफ से सद्भावना का वातावरण बनाए रखने के लिए किए गए प्रयास बहुत सराहनीय हैं.
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फैसले से पहले शुक्रवार को अयोध्या में सुरक्षा और कड़ी हो गई. राम जन्मभूमि मंदिर की तरफ जाने वाले सारे रास्ते बंद कर दिए गए हैं. अब वहां से सिर्फ़ पैदल गुज़रा जा सकेगा. सीएम योगी आदित्यनाथ ने हर जिले में एक कंट्रोल रूम बनाने और लखनऊ और अयोध्या में दो हेलीकॉप्टर तैयार रखने के आदेश दिए हैं. पूरे यूपी में पुलिस दंगों से निपटने के लिए रिहर्सल कर रही है. टेंपरेरी जेलें बना दी गई हैं. वहां जरूरत पड़ने पर गिरफ्तार लोगों को रखा जा सकेगा.
अयोध्या में नाकेबंदी और सख़्त हो गई है. राम जन्मभूमि मंदिर जाने वाले सारे रास्ते आज गाड़ियों के लिए सील कर दिए गए. झगड़े वाली जगह के चारों तरफ 67 एकड़ जमीन पहले से केन्द्र सरकार के कब्ज़े और सेंट्रल फोर्सस की निगरानी में हैं. अब उसकी तरफ जाने वाले रास्तों को गाड़ियों के लिए पूरी तरह बंद कर दिया गया है. इसके साथ पूरे अयोध्या में पुलिस जनता के बीच जाकर उन्हें समझाने और हिफ़ाज़त का भरोसा दिलाने की कोशिश कर रही है.
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अयोध्या के सारे प्रमुख मंदिरों के आसपास बड़े पैमाने पर सिक्योरिटी लगा दी गई. जिन जगहों पर सुरक्षा बढ़ाई गई है उनमें राम जन्मभूमि कॉम्प्लेक्स, हनुमानगढ़ी, दशरथ महल, कनक भवन, मंदिर निर्माण कार्यशाला राम की पैड़ी, कारसेवक पुरम, सरयू घाट वगैरह शामिल हैं. लेकिन प्रशासन का कहना है कि वहां सुरक्षा पूरी रहेगी लेकिन ज़िंदगी अपनी रफ़्तार से चलेगी. स्कूल, कॉलेज, बाजार सब खुलेंगे और कोई पाबंदी नहीं रहेगी.
अयोध्या के जिलाधिकारी अनुज झा ने कहा, 'शादी-ब्याह का सीजन है. जैसा तय किया है वैसा ही रहेगा. कहीं कोई समस्या आती है तो हम तुरंत समन्वय स्थापित करेंगे. सबके पास हमारे नंबर बंटे हैं. जो भी संपर्क करेगा, उसकी समस्या का हम समाधान करेंगे. ऐसी व्यवस्था की जा रही है कि सारे कार्यक्रम सामान्य ढंग से चलते रहें.'
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अयोध्या में ज़्यादातर लोग मंदिरों से ही रोज़ी पाते हैं. यहां की जनता बाज़ारों में छोटी-छोटी दुकानों में पूजा सामग्री वगैरह बेचकर गुज़ारा करती है. किसी तरह की अशांति उनकी ज़िंदगी मुश्किल कर देती है. इसलिए यहां साधु-संत, मस्जिद के पक्षकार और अवाम सभी अमन चाहते हैं.
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दशरथ गद्दी के महंत बृजमोहन दास कहते हैं, 'मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम का जीवन मर्यादा का जीवन है. आज पूरे भारत के लोगों को मर्यादा का पालन करना पड़ेगा. कोर्ट के फैसले का सबको सम्मान करना पड़ेगा. और अपनी एकता, अखंडता को बरकरार रखना पड़ेगा, क्योंकि रामजी ने सदा सबको गले लगाया है और अयोध्या की भूमि में सदियों से पूरे विश्व को एक आइना दिखाया है. एक जीवन जीने की प्रवृत्ति सिखाई है.'
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बाबरी मस्जिद केस के मुद्दई इकबाल अंसारी ने कहा कि 'हम तो यही संदेश देना चाहते हैं कि हम हिंदुस्तान के निवासी हैं, हिंदुस्तान का संविधान मानते हैं. संविधान जो भी फ़ैसला करेगा, हम खुशी-खुशी उसको मान लेंगे. और लोग उसको मान लें..कोई ऐसा वाद-विवाद न करें जिससे अगल-बगल में रहने वाले लोगों के बीच बदअमनी फैले.'
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हर जिले में दंगों को रोकने की रिहर्सल हो रही है. पुलिस को टियर गैस फेंकने, ग्रेनेड फेंकने की रिहर्सल कराई जा रही है. फ़िरोज़बाद में तो घुड़सवार पुलिस को बलवाइयों को खदेड़ने की ट्रेनिंग देने के लिए घोड़े ना होने पर पुलिस वालों से ही घोड़े की एक्टिंग कराई गई.
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