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This Article is From May 31, 2018

तेल के दाम निर्धारित करने में सरकार की कोई भूमिका नहीं: प्रधान

पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने बुधवार को कहा कि तेल की कीमतों का निर्धारण तेल कंपनियां करती हैं और उसमें सरकार की कोई भूमिका नहीं होती है.

तेल के दाम निर्धारित करने में सरकार की कोई भूमिका नहीं: प्रधान
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान की फाइल फोटो
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तेल की कीमतों का निर्धारण तेल कंपनियां करती हैं
तेल की कीमतों के निर्धारण में सरकार की कोई भूमिका नहीं होती
पिछले कुछ साल से पेट्रोल की कीमत बाजार द्वारा तय होती है
नई दिल्ली:

पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने बुधवार को कहा कि तेल की कीमतों का निर्धारण तेल कंपनियां करती हैं और उसमें सरकार की कोई भूमिका नहीं होती है. पेट्रोलियम मंत्री ने बुधवार को पेट्रोल और डीजल के दाम में एक पैसे की कमी को लेकर विपक्ष के ताने पर सफाई देते हुए यह स्पष्टीकरण दिया. उन्होंने कहा, "पिछले कुछ साल से पेट्रोल की कीमत बाजार द्वारा तय होती है और दैनिक कीमतों का निर्धारण पिछले साल से हो रहा है. सरकार कीमतों का निर्धारण नहीं करती है."

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प्रधान ने कहा, "सरकार कीमतों पर निगरानी तब रखती है जब उसपर अनुदान देती है लेकिन आज तेल कंपनियां अंतर्राष्ट्रीय बाजार के अनुसार कीमतें तय करने के लिए स्वतंत्र हैं. सरकार की नीति संबंधी रूपरेखा के अलावा कीमत पर निगरानी में कोई भूमिका नहीं है." इससे पहले बुधवार को इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन ने पेट्रोल और डीजल का दाम एक पैसा प्रति लीटर घटाया. हालांकि पहले तकनीकी गड़बड़ी के कारण कंपनी की वेबसाइट पर 50-60 पैसे प्रति लीटर की कमी अंकित हो गई थी, जिसे बाद में सुधारा गया. 

गौरतलब है कि पिछले 16 दिनों में तेल की कीमतों में करीब चार रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी के बाद एक पैसा प्रति लीटर की कमी आई है. कांग्रेस ने सरकार की आलोचना करते हुए इसे लोगों के साथ मजाक बताया. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट के जरिए कहा, "प्रिय प्रधानमंत्री, आपने आज पेट्रोल और डीजल का दाम एक पैसा घटाया. एक पैसा?? अगर आपका विचार मजाक करने का है तो यह बचकानी बात है और इसका स्वाद नीरस है. पीएस : एक पैसे की कटौती मेरे द्वारा आपको पिछले सप्ताह दी गई चुनौती का अनुपयुक्त जवाब है."

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हालांकि प्रधान ने कहा कि तेल अंतर्राष्ट्रीय कमोडिटी है और इसकी कीमतें विभिन्न घटकों से तय होती हैं, जिनमें तेल के उत्पादन का परिमाण, अंतर्राष्ट्रीय बाजार और राजनीति, तेल कंपनियां और केंद्र व राज्य सरकारों द्वारा लगाए गए कर शामिल हैं. उन्होंने कहा, "मैंने कहा है कि यह अंतर्राष्ट्रीय कमोडिटी है. ईरान और अमेरिका के बीच ईरान पर लगाये गए प्रतिबंध को लेकर झगड़ा और वेनेजुएला के संकट के कारण कीमतों में इजाफा हुआ. जब हम ऊर्जा सुरक्षा की बात करते हैं तो हमें अंतर्राष्ट्रीय कूटनीतिक चुनौतियों को ध्यान में रखना होता है."

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केरल की ओर से शुक्रवार से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में एक रुपया प्रति लीटर की कटौती करने के लिए इनपर लगाए जाने वाले कर का त्याग करने के मसले पर प्रधान ने कहा कि केरल सबसे ज्यादा कर संग्रहकर्ता राज्यों में शुमार है.  उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों को तेल की कीमतों में कटौती करनी चाहिए मगर हर राज्य की अपनी सीमाएं व प्राथमिकताएं हैं. 

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