NDTV से बात करते डॉक्टर कफील खान
लखनऊ:
गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में पिछले अगस्त महीने में हुई बच्चों की मौत के मामले में जेल गए डॉक्टर कफील खान को करीब 8 महीने तक तमाम अपराधियों से भरी एक गंदी सी बैरक में जमीन पर सोना पड़ा. जमानत पर बाहर आए डॉक्टर कफील ने NDTV को एक इंटरव्यू में बताया कि, 'मुझे जिस बैरक में रखा गया था उसमें 60 लोगों के रहने की क्षमता थी, लेकिन 160 लोग उसमें रहते थे. मैं रात में पानी इसलिए नहीं पीता था क्योंकि वॉशरूम जाने के लिए जमीन पर सो रहे 160 लोगोंलोगों को लांघ कर जाना पड़ता था.
डॉक्टर कफील कहते हैं कि 10 अगस्त को वो सोने जा रहे थे तभी उनके सीनियर रेसिडेंट का व्हाट्सऐप पर मैसेज आया कि लिक्विड ऑक्सीजन खत्म हो गई है. वो फौरन अस्पताल पहुंचे और 24 घंटों में उन्होंने अपने ताल्लुकात का इस्तेमाल कर करीब 250 सिलेंडर का इंतजाम कर दिया. मीडिया को इसकी जानकारी मिली तो उसने उनकी तारीफ में आलेख लिखे. सीएम योगी को लगा कि वो अपनी पब्लिसिटी कर रहे हैं और उन्होंने उनके खिलाफ कार्रवाई कर दी.
डॉ. कफील कहते हैं कि, 'ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी ने अफसरों को 13 खत लिखे कि उसका 67 लाख रुपया उधार हो गया है. अगर उसका पेमेंट नहीं होगा तो वो ऑक्सीजन नहीं दे पाएगा, लेकिन उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई उसने ऑक्सीजन की सप्लाई बंद कर दी. सरकार ने मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर पर कार्रवाई कर दी लेकिन जिन बड़े लोगों ने ऑक्सीजन का फंड रिलीज नहीं किया उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई.'
डॉक्टर कफील के अनुसार जिस दिन वो जेल भेजे गए, उनकी बेटी का पहला बर्थडे था. अब जब 8 महीने बाद जेल से आए हैं तो उनकी बेटी उनको पहचानती नहीं ओर उनकी गोद से भागती है. कफील कहते हैं, 'मेरे जेल जाने से मेरा पूरा परिवार मुसीबत में पड़ गया. मेरे भाई अपना कारोबार छोड़ कर कोर्ट कचहरी के चक्कर में पड़ गए. मेरी मां बीमार पड़ गईं. मेरी बीवी ने मेरे रिहा होने की उम्मीद छोड़ दी. मेडिकल कॉलेज से मेरा कोई दोस्त डॉक्टर सरकार के डर से मुझसे मिलने नहीं आया. लोग मेरे घरवालों से मिलने से बचने लगे. उन्हें लगता था कि अगर वो हमारा साथ देंगे तो योगी नाराज हो जाएंगे.'
VIDEO: गोरखपुर बीआरडी कांड के आरोपी डॉ. कफील खान से खास बातचीत
मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन खत्म होने पर डॉक्टर कफील को हीरो की तरह पेश किया गया, हेडलाइंस लगाईं गईं.. 'Meet Kafeel Khan,the doctor who saved many lives..' वही डॉक्टर कफील बच्चों की गैर इरदातन हत्या के जुर्म में जेल चले गए. डॉक्टर कफील कहते हैं कि अगर उनकी नौकरी बहाल हुई और अगर खुदा ना खास्ता फिर कोई ऐसी इमरजेंसी आई तो वो फिर वही काम करेंगे जो उन्होंने उस दिन किया.
डॉक्टर कफील कहते हैं कि 10 अगस्त को वो सोने जा रहे थे तभी उनके सीनियर रेसिडेंट का व्हाट्सऐप पर मैसेज आया कि लिक्विड ऑक्सीजन खत्म हो गई है. वो फौरन अस्पताल पहुंचे और 24 घंटों में उन्होंने अपने ताल्लुकात का इस्तेमाल कर करीब 250 सिलेंडर का इंतजाम कर दिया. मीडिया को इसकी जानकारी मिली तो उसने उनकी तारीफ में आलेख लिखे. सीएम योगी को लगा कि वो अपनी पब्लिसिटी कर रहे हैं और उन्होंने उनके खिलाफ कार्रवाई कर दी.
डॉ. कफील कहते हैं कि, 'ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी ने अफसरों को 13 खत लिखे कि उसका 67 लाख रुपया उधार हो गया है. अगर उसका पेमेंट नहीं होगा तो वो ऑक्सीजन नहीं दे पाएगा, लेकिन उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई उसने ऑक्सीजन की सप्लाई बंद कर दी. सरकार ने मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर पर कार्रवाई कर दी लेकिन जिन बड़े लोगों ने ऑक्सीजन का फंड रिलीज नहीं किया उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई.'
डॉक्टर कफील के अनुसार जिस दिन वो जेल भेजे गए, उनकी बेटी का पहला बर्थडे था. अब जब 8 महीने बाद जेल से आए हैं तो उनकी बेटी उनको पहचानती नहीं ओर उनकी गोद से भागती है. कफील कहते हैं, 'मेरे जेल जाने से मेरा पूरा परिवार मुसीबत में पड़ गया. मेरे भाई अपना कारोबार छोड़ कर कोर्ट कचहरी के चक्कर में पड़ गए. मेरी मां बीमार पड़ गईं. मेरी बीवी ने मेरे रिहा होने की उम्मीद छोड़ दी. मेडिकल कॉलेज से मेरा कोई दोस्त डॉक्टर सरकार के डर से मुझसे मिलने नहीं आया. लोग मेरे घरवालों से मिलने से बचने लगे. उन्हें लगता था कि अगर वो हमारा साथ देंगे तो योगी नाराज हो जाएंगे.'
VIDEO: गोरखपुर बीआरडी कांड के आरोपी डॉ. कफील खान से खास बातचीत
मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन खत्म होने पर डॉक्टर कफील को हीरो की तरह पेश किया गया, हेडलाइंस लगाईं गईं.. 'Meet Kafeel Khan,the doctor who saved many lives..' वही डॉक्टर कफील बच्चों की गैर इरदातन हत्या के जुर्म में जेल चले गए. डॉक्टर कफील कहते हैं कि अगर उनकी नौकरी बहाल हुई और अगर खुदा ना खास्ता फिर कोई ऐसी इमरजेंसी आई तो वो फिर वही काम करेंगे जो उन्होंने उस दिन किया.
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