पंजाबी लेखिका अमृता प्रीतम (Amrita Pritam) के सम्मान में गूगल ने डूडल बनाया है. वह अपने समय की मशहूर लेखिकाओं में से एक थीं. आज अमृता (Amrita Pritam) की 100वीं जयंती है. उनका जन्म पंजाब के गुजरांवाला जिले में 31 अगस्त 1919 को हुआ था. उनका ज्यादातर समय लाहौर में बीता और वहीं पढ़ाई भी हुई. किशोरावस्था से ही अमृता को कहानी, कविता और निबंध लिखने का शौक था. जब वह 16 साल की थीं तब उनका पहला कविता संकलन प्रकाशित हुआ. 100 से ज्यादा किताबें लिख चुकीं अमृता को पंजाबी भाषा की पहली कवियित्री माना जाता है. भारत-पाकिस्तान बंटवारे पर उनकी पहली कविता अज आंखन वारिस शाह नू बहुत प्रसिद्ध हुई थी.
अमृता प्रीतम की जिंदगी में खास रही 31 तारीख, प्रेम के लिए तलाशा खुद का ठीहा
अमृता प्रीतम को देश का दूसरा सबसे बड़ा सम्मान पद्मविभूषण मिला था. उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था. 1986 में उन्हें राज्यसभा के लिए नॉमिनेट किया गया था. उन्होंने ऑल इंडिया रेडियो के लिए भी काम किया.
अमृता की आत्मकथा 'रसीदी टिकट' बेहद चर्चित है. उनकी किताबों का अनेक भाषाओं में अनुवाद भी हुआ. 31 अक्टूबर 2005 को उनका निधन हो गया था.
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