गुलाम नबी आजाद ने वेंकैया नायडू को दी बधाई
नई दिल्ली:
उपराष्ट्रपति पद के लिए वेंकैया नायडू ने शपथ ले ली है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई. उनके शपथ ग्रहण में पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह समेत सभी बड़े नेता मौजूद थे. वह आज सवेरे सबसे पहले राजघाट पहुंचे और महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की थी. इसके बाद उन्होंने सदन की कार्यवाही में सभापति के तौर पर हिस्सा लिया.
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गुलाम नबी आजाद ने कहा कि वेंकैया नायडू इस सदन के लिए नए नहीं हैं. हम आपसे लड़ते भी रहे और झगड़ते भी रहे, लेकिन सदन के बाहर जाकर सदन चलाने पर सहमत भी हुए. इस सदन में कई लोग हैं, जो नीचे से उठकर ऊंचे पदों पर आए. इसके पीछे एक ताकत है और वह है लोकतंत्र, उसे नहीं भूलना चाहिए. देश की आजादी में सुभाष चंद्र बोस, जवाहर लाल नेहरू और सरदार पटेल के योगदान को कौन भूल सकता है. इनकी कुर्बानियों की बदौलत ही हमें संविधान मिला. उसी की वजह से हम लोगों में से कोई भी राष्ट्रपति-उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री कुछ भी बन सकता है.
पढ़ें: देश के 13वें उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू क्यों रहेंगे सफल, ये हैं 5 प्रमुख कारण...
पीएम नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में कहा कि वेंकैया नायडू सदन की हर बारीकी से परिचित हैं. वह ऐसे सभापति हैं जिन्हें सदन की कार्यवाही की पूरी जानकारी है. सार्वजनिक जीवन में वह जेपी आंदोलन की वह पैदाइश हैं. उस समय जो आंदोलन चला वह आंध्र प्रदेश में युवा नेता के तौर पर आगे बढ़कर नेतृत्व करते दिखाई दिए. कई वर्षों तक मुझे उनके साथ काम करने का मौका मिला.पीएम ने आगे कहा कि वेंकैया नायडू आजाद भारत में जन्म लेने वाले पहले उपराष्ट्रपति हैं. वह किसान के बेटे हैं और कई साल तक उनके साथ काम करने का मौका मिला. शहरी विकासमंत्री रहते हुए भी उन्हें किसानों की चिंता रहती थी. इसमें कोई शक नहीं कि आज सभी समान्य लोगों का बड़े संवैधानिक पदों पर पहुंचना लोकतंत्र की ताकत है.
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गुलाम नबी आजाद ने कहा कि वेंकैया नायडू इस सदन के लिए नए नहीं हैं. हम आपसे लड़ते भी रहे और झगड़ते भी रहे, लेकिन सदन के बाहर जाकर सदन चलाने पर सहमत भी हुए. इस सदन में कई लोग हैं, जो नीचे से उठकर ऊंचे पदों पर आए. इसके पीछे एक ताकत है और वह है लोकतंत्र, उसे नहीं भूलना चाहिए. देश की आजादी में सुभाष चंद्र बोस, जवाहर लाल नेहरू और सरदार पटेल के योगदान को कौन भूल सकता है. इनकी कुर्बानियों की बदौलत ही हमें संविधान मिला. उसी की वजह से हम लोगों में से कोई भी राष्ट्रपति-उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री कुछ भी बन सकता है.
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पीएम नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में कहा कि वेंकैया नायडू सदन की हर बारीकी से परिचित हैं. वह ऐसे सभापति हैं जिन्हें सदन की कार्यवाही की पूरी जानकारी है. सार्वजनिक जीवन में वह जेपी आंदोलन की वह पैदाइश हैं. उस समय जो आंदोलन चला वह आंध्र प्रदेश में युवा नेता के तौर पर आगे बढ़कर नेतृत्व करते दिखाई दिए. कई वर्षों तक मुझे उनके साथ काम करने का मौका मिला.पीएम ने आगे कहा कि वेंकैया नायडू आजाद भारत में जन्म लेने वाले पहले उपराष्ट्रपति हैं. वह किसान के बेटे हैं और कई साल तक उनके साथ काम करने का मौका मिला. शहरी विकासमंत्री रहते हुए भी उन्हें किसानों की चिंता रहती थी. इसमें कोई शक नहीं कि आज सभी समान्य लोगों का बड़े संवैधानिक पदों पर पहुंचना लोकतंत्र की ताकत है.
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