
सबसे युवा उद्यमी हामिश फिनलेसन
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वैश्विक उद्यमिता शिखर सम्मेलन में हामिश की धूम
ऑस्ट्रेलिया के हामिश कई ऐप डेवलप कर चुके हैं.
GES में दूसरी बार पहुंचा 13 साल का युवा एंटरप्रन्योर हामिश फिनलेसन
7वीं कक्षा में पढ़ने वाले ऑस्ट्रेलिया के हामिश फिनलेसन इस बीमारी से ग्रसित होने के बाद भी उनके काम पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है और उन्होंने पांच एप्स बनाए हैं, जिनमें एक ऐप ऐसा है, जो ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसॉर्डर (एएसडी) से पीड़ित मरीजों की मदद करने में सहायक है. हामिश की मानें तो उन्होंने ट्रिपल टी एंड एएसडी ऐप लाया है, जिसमें डे-टु-डे टिप्स हैं, जिनसे ऑटिज्म से पीड़ित लोगों को मदद मिलती है और ऑटिज्म की जानकारी के इच्छुक लोग भी इससे फायदा उठा सकते हैं.
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क्वींसलैंड से आया सातवीं कक्षा का छात्र पर्यावरण की रक्षा की आवश्यकताओं को लेकर काफी जोश में है और वह पर्यावरण पर चार एप्स बना चुका है. वो जब 10 साल के थे तभी उन्होंने अपना पहला ऐप 'लिटरबगस्माश' बनाया था. यह एक मल्टीमीडिया, मल्टीचैनल एजुकेशनल टूल है. यह महासागरों और कछुओं की रक्षा के लिए डिजाइन किया गया एक गेम व चंदा इकट्ठा करने की एक पहल है.
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हामिश दूसरी बार जीईएस में शामिल हो रहे हैं. इससे पहले उन्होंने 2016 में सिलिकॉन वैली में आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया था. उन्होंने कहा कि हैदराबाद में वह फलदायी वस्तुस्थिति (वर्चुअल रियलिटी) के बारे में जानना चाहता है और लोगों से कौशल में बारे में बातचीत करने को इच्छुक है. उन्होंने भारत में आकर खुशी जाहिर की और कहा कि वह इस देश, यहां के उद्यमियों और इकोसिस्टम के बारे में जानने को उत्सुक है. हमीश के पिता ग्रीन फिनलेसन ने बताया कि उनका बेटा हमेशा प्रौद्योगिकी, गणित और कोडिंग पसंद करता है. वह जब आठ साल का था तभी से उसने कोडिंग करनी शुरू कर दी थी.
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