सकल घरेलू उत्पाद (GDP) वृद्धि दर के आंकड़े स्पष्ट रूप से बताते हैं भारतीय अर्थव्यवस्था मार्च, 2023 तिमाही के बाद से तेज गति से बढ़ रही है. उद्योग मंडलों के अनुसार विनिर्माण और कृषि जैसे क्षेत्र आर्थिक गतिविधियों को गति दे रहे हैं.
आर्थिक वृद्धि दर मार्च तिमाही में 6.1 प्रतिशत जबकि पूरे वित्त वर्ष 2022-23 में 7.2 प्रतिशत रही. इस वृद्धि के बाद देश की अर्थव्यवस्था 3.3 लाख करोड़ डॉलर की हो गई है और इसने अगले पांच वर्षों में पांच लाख करोड़ डॉलर के लक्ष्य का मंच तैयार कर दिया है.
वित्त वर्ष 2021-22 में आर्थिक वृद्धि दर 9.1 प्रतिशत रही थी.
उद्योग मंडल ऐसोचैम के महासचिव दीपक सूद ने कहा, “वित्त वर्ष 2022-23 के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़ों पर नजर डालें तो स्पष्ट संकेत दिखता है कि मार्च तिमाही से भारतीय अर्थव्यवस्था ने विनिर्माण, निर्माण और वित्तीय सेवाओं जैसे क्षेत्रों में तेजी से वृद्धि की है.”
उन्होंने कहा कि कच्चे तेल सहित अन्य कच्चे माल की कीमतों में नरमी और ब्याज दर के उच्च स्तर पर पहुंचने को देखते हुए इसके आने वाले समय में इसी रफ्तार से आगे बढ़ने की उम्मीद है.
उद्योग मंडल पीएचडी चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष साकेत डालमिया ने कहा कि सकल स्थिर पूंजी निर्माण स्थिर कीमतों पर जीडीपी के 34 प्रतिशत पर रहना उत्साहजनक है. यह रोजगार सृजन की प्रबल संभावनाओं के साथ अर्थव्यवस्था में पूंजी व्यय बढ़ने का संकेत देती है.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं