![महाराष्ट्र में GBS का कहर: अस्पताल में भर्ती एक और मरीज की मौत, जानें क्या हैं इस वायरस के लक्षण महाराष्ट्र में GBS का कहर: अस्पताल में भर्ती एक और मरीज की मौत, जानें क्या हैं इस वायरस के लक्षण](https://i.ndtvimg.com/i/2015-03/swine-flu_650x400_61425621915.jpg?im=FitAndFill,algorithm=dnn,width=773,height=435)
महाराष्ट्र में गिलियन बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) बुरी तरह से फैल रहा है. इस सिंड्रोम की चपेट में आकर मुंबई के नायर अस्पताल में भर्ती 53 साल के एक मरीज की मौत हो गई है. मरीज वडाला इलाके का रहने वाला था और बीएमसी के बीएन देसाई अस्पताल में वार्ड बॉय के रूप में काम करता था. नायर अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार, वो काफी दिनों से बीमार था और उसका इलाज चल रहा था. वहीं, नायर अस्पताल में एक नाबालिग लड़की भी भर्ती है, जिसे जीबीएस वायरस हुआ है. यह लड़की पालघर की रहने वाली है और 10वीं कक्षा की छात्रा है. इससे पहले 6 फरवरी को भी जीबीएस सिंड्रोम वायरस की चपेट में आने से एक मरीज की मौत हो गई थी.
क्या हैं जीबीएस के लक्षण
- यह न्योरोलॉजिक बीमारी है.
- स्वाइन फ्लू के तरह इस बीमारी के लक्षण होते हैं.
- जिसमें सर्दी, जुकाम और तेज बुखार आता है.
- इसके कारण मांसपेशियों में कमजोरी हो जाती है और शरीर के अंग सुन्न पड़ जाते हैं. इससे लकवा या कभी-कभी मौत भी हो सकती है.
- जीबीएस में पैर से लकवा शुरू होकर सांस की समस्या तक पहुंच सकता है.
- कई मरीज वेंटिलेटर पर चले जाते हैं.
- जीबीएस का कोई स्थायी इलाज नहीं है.
- इसके लक्षण जैसे पैरों में कमजोरी, झनझनाहट या सुन्नपन हाथों तक फैल सकते हैं.
- लक्षण हफ्तों तक रह सकते हैं, लेकिन ज्यादातर मरीज पूरी तरह ठीक हो जाते हैं.
- हालांकि, कुछ मामलों में लंबे समय तक असर रह सकता है.
- राज्य में 167 मरीजों में जीबीएस की पुष्टि हुई है.
- अब तक 7 लोगों की मौत हुई है, 1 मौत की पुष्टि जीबीएस से हुई है, जबकि 6 मौतें संदिग्ध हैं.
इससे पहले 26 जनवरी को महाराष्ट्र के पुणे में गुलियन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) बीमारी से एक चार्टर्ड अकाउंटेंट का निधन हो गया था. वह डीएसके विश्वा इलाके में रहता था. गिलियन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) के प्रकोप के बीच 29 जनवरी को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने प्रशासन से मरीजों के इलाज के लिए सरकारी अस्पतालों में विशेष व्यवस्था करने को कहा था.
उल्लेखनीय कि इससे पहले 27 जनवरी को पुणे में जीबीएस के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने राज्य में सार्वजनिक स्वास्थ्य हस्तक्षेप और प्रबंधन का समर्थन करने के लिए सात सदस्यीय टीम तैनात की. केंद्र की उच्च स्तरीय टीम में बहु-विषयक विशेषज्ञ शामिल थे. इसका उद्देश्य जीबीएस के संदिग्ध और पुष्ट मामलों में वृद्धि को देखते हुए सार्वजनिक स्वास्थ्य हस्तक्षेप और प्रबंधन स्थापित करने में राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों का समर्थन करना है.
जरूर बरतें ये सावधानियां
राज्य स्वास्थ्य विभाग ने सलाह दी कि सामान्य सावधानियां बरतकर जीबीएस को कुछ हद तक रोका जा सकता है, जैसे कि उबला हुआ/बोतलबंद पानी पीना, खाने से पहले फलों और सब्जियों को अच्छी तरह से धोना, चिकन और मांस को ठीक से पकाना, कच्चे या अधपके भोजन, विशेष रूप से सलाद, अंडे, कबाब या समुद्री भोजन से परहेज करना. (IANS इनपुट के साथ)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं