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This Article is From Jan 16, 2024

ग्रीन हाइड्रोजन ही नेट जीरो कार्बन फ्यूचर के लिए आखिरी कदम : गौतम अदाणी

गौतम अदाणी का ब्लॉग वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की वेबसाइट पर पब्लिश हुआ है. अदाणी ने ब्लॉग में पर्यावरण के साथ-साथ भारत के विकास के लिए ग्रीन हाइड्रोजन के लाभों को रेखांकित किया है.

अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी ने दावोस में हो रही वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की बैठक के लिए ये ब्लॉग लिखा है.

मुंबई:

अदाणी ग्रुप (Adani Group) के चेयरमैन गौतम अदाणी (Gautam Adani) ने वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (World Economic Forum) की 54वीं सालाना बैठक में भारत जैसे देशों के लिए नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन (Net Zero Carbon Emissions) प्राप्त करने में ग्रीन हाइड्रोजन (Green Hydrogen)के महत्व पर जोर दिया. गौतम अदाणी ने “Reducing costs: The key to Leveraging Green Hydrogen on The Road to Net Zero” नाम से एक ब्लॉग लिखा है. इसमें उन्होंने जीवाश्म ईंधन (Fossil Fuel)के प्रमुख विकल्प के रूप में ग्रीन हाइड्रोजन को अहम बताया है, क्योंकि दुनिया एक साफ और रिन्यूएबल एनर्जी के भविष्य की ओर जाना चाहती है. उन्होंने कहा, "खासकर भारत में ग्रीन हाइड्रोजन कई क्षेत्रों के लिए नेट जीरो कार्बन इमिशन की दिशा में आखिरी मुकाम हो सकता है." बता दें कि वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की सालाना बैठक स्विटजरलैंड के दावोस में 15 जनवरी को शुरू हुई, जो 19 जनवरी तक चलेगी.

गौतम अदाणी का ब्लॉग वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की वेबसाइट पर पब्लिश हुआ है. अदाणी ने ब्लॉग में पर्यावरण के साथ-साथ भारत के विकास के लिए ग्रीन हाइड्रोजन के लाभों को रेखांकित किया है. ग्रीन हाइड्रोजन दुनियाभर में कार्बन तटस्थता (Carbon Neutrality) के सपने को साकार करने का जरिया होगा. हाइड्रोजन को एक संभावित एनर्जी स्टोरेज का जरिया जाना जाता है. यह एकमात्र अपशिष्ट उत्पाद (वेस्ट प्रोडक्ट) के रूप में पानी के साथ फ्यूल सेल्स से बिजली पैदा कर सकता है.

गौतम अदाणी ने अपने ब्लॉग में उत्पादन की लागत को कम करने, अलग-अलग नीतिगत उपायों और ग्रीन हाइड्रोजन को किफायती बनाने के लिए सप्लाई सीरीज को शामिल करने पर जोर दिया है. उन्होंने किफायती ग्रीन हाइड्रोजन के लिए वर्टिकल इंटिग्रेशन के दृष्टिकोण को अपनाने की बात भी कही है. बैकवार्ड इंटिग्रेशन वाली कंपनियां ही दुनिया को किफायती ग्रीन हाइड्रोजन मुहैया करा सकती हैं. अदाणी ने कहा कि इसके लिए ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन की लागत मौजूदा 3-5 डॉलर प्रति किलोग्राम से घटकर 1 डॉलर/किलोग्राम होनी चाहिए.

ग्रीन हाइड्रोजन को एक न्यायसंगत समाधान के रूप में उजागर करते हुए अदाणी ने कहा, "भारत के लिए न्यायसंगत समाधान का मतलब एक जीवाश्म ईंधन को दूसरे के साथ बदलना नहीं है. न्यायसंगत समाधान का मतलब रिन्यूएबल और ग्रीन हाइड्रोजन की ओर छलांग लगाना है. सोलर कॉस्ट (सौर लागत) में कमी को ग्रीन हाइड्रोजन के साथ बदला जा सकता है. इस बदलाव से भारत को ऊर्जा सुरक्षा (Energy Security) हासिल करने और अपने शहरों में एयर क्वालिटी में सुधार करने में मदद मिलेगी.

गौतम अदाणी ने कहा कि यह उर्वरकों में एक महत्वपूर्ण घटक आयातित अमोनिया की कीमतों की अनिश्चितताओं को दूर करके खाद्य सुरक्षा में भी योगदान देगा. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह दुनिया को जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों से बचने का मौका देगा.

गौतम अदाणी का ये ब्लॉग उभरते ऊर्जा प्रतिमान की चुनौतियों और अवसरों को नेविगेट करने के लिए नेताओं, नीति निर्माताओं और इंडस्ट्री स्टेकहोल्डर्स के लिए एक रोडमैप मुहैया कराता है.

बता दें कि सोलर एनर्जी की उत्पादन लागत पिछले कुछ वर्षों में तेजी से घटी है. साल 2011 में सोलर पैनल से बिजली पैदा करने पर 15 रुपये प्रति यूनिट की लागत आती थी. अब यह घटकर 1.99 रुपये प्रति यूनिट पर आ गई है. यह पूरी दुनिया में सोलर एनर्जी की सबसे कम उत्पादन लागत है.

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(Disclaimer: New Delhi Television is a subsidiary of AMG Media Networks Limited, an Adani Group Company.)

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