भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की 'गगनयान' परियोजना के लिए चुने गए चार अंतरिक्ष यात्रियों को रूस में 11 महीने का प्रशिक्षण दिया जाएगा. भारत के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन के संबंध में यह जानकारी केन्द्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने बुधवार को दी. परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष मामलों के राज्य मंत्री सिंह ने कहा कि रूस में उनका प्रशिक्षण जनवरी के तीसरे सप्ताह से शुरू होगा.
एक बयान के अनुसार, ‘‘रूस में 11 महीने के प्रशिक्षण के बाद अंतरिक्ष यात्रियों को भारत में मॉड्यूल-विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा. उसमें उन्हें इसरो द्वारा डिजाइन किए गए क्रू और सर्विस मॉड्यूल में प्रशिक्षण दिया जाएगा. उन्हें उसे चलाना, उसमें काम करना आदि सिखाया जाएगा.''
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बता दें 10,000 करोड़ रुपये की महत्वाकांक्षी योजना ‘गगनयान' के 2022 में प्रक्षेपित होने की उम्मीद है. उसी साल भारत की आजादी को 75 साल पूरे हो रहे हैं. इस प्रोजेक्ट पर इसरो और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) मिलकर काम कर रहे हैं. डीआरडीओ द्वारा इसरो को मुहैया कराई जाने वाली कुछ महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों में अंतरिक्ष में भोजन संबंधी तकनीक, अंतरिक्ष जाने वाले दल की सेहत पर निगरानी, सर्वाइवल किट, विकिरण मापन और संरक्षण, पैराशूट आदि शामिल हैं.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं