केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पुंछ और राजौरी हमलों के चलते श्रीनगर में होने वाली G-20 बैठक की सुरक्षा की समीक्षा करने का फैसला किया है. सभी एजेंसियां मिलकर काम करें, यह सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला के साथ इंटेलिजेंस ब्यूरो के निदेशक तपन डेका मंगलवार दोपहर को श्रीनगर पहुंचे. घाटी में काम करने वाली सुरक्षा एजेंसियों ने उन्हें एक पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन दिया है, जिसमें कार्यक्रम स्थल और आने वाले गणमान्य व्यक्तियों के लिए सुरक्षा ग्रिड में किए गए बदलावों के बारे में बताया गया.
सूत्रों के मुताबिक, जांच एजेंसियां राजौरी और पुंछ में हुए हमले के बाद व्हीकल बॉर्न इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (वीबीआईईडी) को ख़ास तवज्जो दे रही है. सुरक्षा कर्मियों को इसके मुताबिक आगाह किया गया है. एजेंसियों को जो इनपुट मिल रहे हैं, उनके मुताबिक पाकिस्तान पूरी कोशिश कर रहा है कि घाटी में होने वाली बैठक सफल ना हो और इसीलिए उसने आतंकी गतिविधियों को तेज कर दिया है.
एक दर्जन आतंकी सक्रिय
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "दो दर्जन से अधिक आतंकवादी जो लगभग एक साल से कश्मीर में थे, उन्हें सक्रिय कर दिया गया है.” उन्होंने बताया कि उत्तरी कश्मीर में पिछले पांच दिनों में सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच लगातार तीन मुठभेड़ हुई हैं, जिसमें पांच आतंकवादी मारे गए हैं.
5 में से 3 आतंकी दक्षिण कश्मीर के
चिंता की बात यह है कि इन पांच में से तीन आतंकवादी दक्षिण कश्मीर से ताल्लुक रखते हैं. अधिकारियों ने कहा कि गुलमर्ग पर्यटन स्थल के करीब उत्तरी कश्मीर में उनकी मौजूदगी ने घाटी में एक बड़े आतंकी हमले की आशंका को जन्म दिया है.
एनएसजी कमांडो करेंगे सुरक्षा
चूंकि आने वाले प्रतिनिधियों के लिए खतरे की संभावना हमेशा अधिक होती है, इसलिए यह निर्णय लिया गया है कि जम्मू-कश्मीर पुलिस की विशेष यूनिट SOG के साथ एनएसजी कमांडो कार्यक्रम स्थल की सुरक्षा करेंगे.
500 पुलिसकर्मियों को 'सॉफ्ट स्किल्स ट्रेनिंग'
इसके साथ ही करीब 500 पुलिसकर्मियों को 'सॉफ्ट स्किल्स ट्रेनिंग' के लिए जम्मू के उधमपुर भेजा गया था, क्योंकि वे उन प्रतिनिधियों के साथ बातचीत करेंगे जिन्हें बारामूला, दाचीगाम नेशनल पार्क और गुलमर्ग में पर्यटन स्थलों पर ले जाया जाएगा.
गिरफ्तारी से प्रदान की थी सुरक्षा
दिलचस्प बात यह है कि पिछले हफ्ते केंद्र सरकार ने भी कश्मीर में तैनात सभी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों को आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 45 के तहत गिरफ्तारी से सुरक्षा प्रदान की थी. अनुच्छेद 370 के कारण जम्मू-कश्मीर में पहले विशेष सुरक्षा लागू नहीं थी. इस बीच, जी-20 आयोजनों के लिए सुरक्षा योजना के अलावा केंद्रीय गृह सचिव को सुरक्षा ग्रिड और इस वर्ष अमरनाथ यात्रा के लिए की जा रही व्यवस्थाओं के बारे में भी जानकारी दी गई.
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