पुणे:
भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान (एफटीआईआई) के हड़ताली छात्रों ने सोमवार शाम संस्थान के निदेशक प्रशांत पाथराबे का उनके दफतर में घेराव कर दिया। इन छात्रों को तितर-बितर करने के लिए परिसर में पुलिस बुलानी पड़ी।
एफटीआईआई के ये छात्र अधूरे डिप्लोमा परियोजना के 'अनुचित' आकलन को लेकर विरोध जता रहे थे। करीब 40 छात्रों ने पाथराबे का घेराव किया, जिससे वहां तनाव फैल गया और छात्र वहां से तब तक नहीं हटे जब तक कि उन्होंने 2008 बैच की अधूरी फिल्म परियोजना के जारी आकलन पर 'उचित' जवाब नहीं दिया।
इससे पहले सोमवार शाम पाथराबे ने कहा था कि छात्रों ने उनका घेराव किया, लेकिन वह 'सुरक्षित' हैं। छात्रों के एक प्रतिनिधि ने कहा कि उन्होंने निदेशक को उनके कार्यालय में 'रोक लिया था', क्योंकि उन्होंने 'फिल्म परियोजनाओं के अनुचित आकलन को जारी रखने का निर्णय' किया था।
एफटीआईआई छात्र संगठन ने आरोप लगाया है कि आकलन राजनीतिक रूप से प्रेरित है और 2008 बैच के 50 छात्रों से अधूरी परियोजनाओं के कारण 'ज्यादा समय तक' परिसर में रहने से छुटकारा पाना है। पाथराबे ने कहा कि आकलन को लेकर वह मंत्रालय के आदेशों का पालन कर रहे हैं।
एफटीआईआई के ये छात्र अधूरे डिप्लोमा परियोजना के 'अनुचित' आकलन को लेकर विरोध जता रहे थे। करीब 40 छात्रों ने पाथराबे का घेराव किया, जिससे वहां तनाव फैल गया और छात्र वहां से तब तक नहीं हटे जब तक कि उन्होंने 2008 बैच की अधूरी फिल्म परियोजना के जारी आकलन पर 'उचित' जवाब नहीं दिया।
इससे पहले सोमवार शाम पाथराबे ने कहा था कि छात्रों ने उनका घेराव किया, लेकिन वह 'सुरक्षित' हैं। छात्रों के एक प्रतिनिधि ने कहा कि उन्होंने निदेशक को उनके कार्यालय में 'रोक लिया था', क्योंकि उन्होंने 'फिल्म परियोजनाओं के अनुचित आकलन को जारी रखने का निर्णय' किया था।
एफटीआईआई छात्र संगठन ने आरोप लगाया है कि आकलन राजनीतिक रूप से प्रेरित है और 2008 बैच के 50 छात्रों से अधूरी परियोजनाओं के कारण 'ज्यादा समय तक' परिसर में रहने से छुटकारा पाना है। पाथराबे ने कहा कि आकलन को लेकर वह मंत्रालय के आदेशों का पालन कर रहे हैं।
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