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जब मिथुन चक्रवर्ती ने की शक्ति कपूर की रैगिंग, पढ़ें दिल्ली से मुंबई तक का मजेदार किस्सा

अभिनेता शक्ति कपूर के संघर्ष की बड़ी रोचक कहानी है. जब एफटीआईआई में उनका चयन हो गया तो दिल्ली से दो लोगों का चयन किया गया था. इनमें एक थे आज के मशहूर अभिनेता नसीरुद्दीन शाह, दूसरे शक्ति कपूर और तीसरे अनिल वर्मन.

जब मिथुन चक्रवर्ती ने की शक्ति कपूर की रैगिंग, पढ़ें दिल्ली से मुंबई तक का मजेदार किस्सा
जब मिथुन चक्रवर्ती ने की शक्ति कपूर की रैगिंग
नई दिल्ली:

अभिनेता शक्ति कपूर के संघर्ष की बड़ी रोचक कहानी है. जब एफटीआईआई में उनका चयन हो गया तो दिल्ली से दो लोगों का चयन किया गया था. इनमें एक थे आज के मशहूर अभिनेता नसीरुद्दीन शाह, दूसरे शक्ति कपूर और तीसरे अनिल वर्मन. ट्रेन से दिल्ली से मुंबई जाते वक्त शक्ति कपूर की दोस्ती अनिल वर्मन से हो गई. मुंबई आने के बाद उन्हें सबसे पहले कौन-सा स्टार मिला, यह किस्सा उन्होंने ख़ुद एनडीटीवी को सुनाया. 

शक्ति कपूर ने कहा, "वो दिल्ली से ट्रेन में हमारी दोस्ती हुई और पता चला कि आते ही गोवालिया टैंक में, जहां उनकी बहन की शादी हुई थी, वो अभिनेता विनोद खन्ना के छोटे भाई थे- प्रमोद खन्ना. उसी रात विनोद जी आए. वो हमें खाने पर ले गए. ओबरॉय में. मैंने कहा- यार, आते ही सब स्टार्स-स्टार्स…विनोद खन्ना के साथ मैं खाना खा रहा हूं. अनिल वर्मन ने बोला- हमारी दोस्ती ट्रेन में हुई है, तो एक रात ये भी सो सकता है. तो प्रमोद खन्ना ने कहा- इधर सो जाए, कोई बात नहीं. इस तरह विनोद खन्ना जी से मुलाकात हुई. अगले दिन प्रमोद खन्ना के बहुत अच्छे दोस्त राकेश रोशन से मुलाक़ात हुई, फिर राजू रोशन आए यानी संगीतकार राजेश रोशन (राकेश रोशन के भाई). मैंने कहा- ये तो बहुत शानदार हो गया, आते ही इतनी सारी महान हस्तियों से मिल लिया".

बातचीत के दौरान जब उनसे पूछा गया कि सुना है आपको कोई स्टार पुणे फिल्म इंस्टिट्यूट छोड़ने गया था और इंस्टिट्यूट में जाते ही आपकी मुलाकात मिथुन दा से हो गई  जवाब में उन्होंने बताया, "विनोद खन्ना के छोटे भाई प्रमोद खन्ना साहब और राकेश रोशन मुझे छोड़ने गए थे. मिथुन दा का किस्सा याद करते हुए…"(वो मुस्कुराए और बोले)- मैं सुनाता हूं आपको वो किस्सा". 

शक्ति कपूर ने आगे बताना शुरू किया, "तो जैसे ही हॉस्टल में पहुंचे, गाड़ी से निकले. इम्पोर्टेड गाड़ी थी. एक लड़का खड़ा था, लुंगी पहने और थोड़ी लुंगी फटी भी हुई थी. लेकिन उसकी बॉडी देखकर तो ऐसा लगा कि साक्षात कोई महान हस्ती…महान बॉडी, बाहुबली. एक आभा थी उसके चेहरे पर. वो आए, मिले और राकेश रोशन जी और प्रमोद जी के पांव छुए और बोले- मैं इस इंस्टिट्यूट में पढ़ता हूं, सेकंड ईयर में हूं, कोलकाता से हूं और मेरा नाम है मिथुन चक्रवर्ती. तो मैं खड़ा था और उन्हें देखकर बोला- आ यू आर सीनियर! अभी नया-नया आया हूं मैं. यू आर सीनियर. यू वाना हैव सम बीयर?…वैल, हैव सम बीयर?".

तो उन्होंने कहा- "सर, मैं पीता नहीं हूं. सर, थैंक यू वेरी मच". अब वो लोग चले गए. हम अपने रूम तक गए. जैसे ही प्रमोद जी और राकेश रोशन साहब गए, मिथुन मेरे रूम में आए. मुझे पकड़ा और बोले- "क्या बोला था तू? यू वाना हैव सम बीयर? तू अपने सीनियर से पूछ रहा है? यू वाना हैव सम बीयर? आई एम योर सीनियर. सिट डाउन". मैं नीचे बैठ गया. उनके लंबे बाल थे. तभी विजयेंद्र घाटगे साहब की एंट्री हुई…सब लंबे-लंबे, ऐसे-ऐसे मोटे-मोटे पट्ठे. मैं नीचे बैठा हूं. लाइट बंद हो गई. एक स्पॉटलाइट मेरे ऊपर आई और मिथुन दा ने क्लास लेनी शुरू की- यू वाना हैव सम बीयर? यू वाना हैव सम बीयर? फिर जो मेरी हालत हुई…मैंने सोचा कि जिंदगी में आज तक किसी से बीयर नहीं पूछूंगा. उन्होंने मेरे बाल भी काट दिए. सब कुछ उतार दिया. दो दिन बाद ताले में बंद भी रखा".

तब से शक्ति कपूर और मिथुन चक्रवर्ती की दोस्ती की शुरुआत हुई, जो आज तक कायम है. शक्ति कपूर मिथुन दा के चंद दोस्तों में से एक हैं. यहां तक कि इन दोनों के परिवार और बच्चों का भी मेल-मिलाप होता रहता है.

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