सैन्य जवानों को शौर्य चक्र से सम्मानित करते हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी.
नई दिल्ली:
सर्जिकल स्ट्राइक के चार हीरो को तीनों सेनाओं के सुप्रीम कमांडर और राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शौर्य चक्र से सम्मानित किया. मेजर रजत चन्द्र , मेजर दीपक कुमार उपाध्याय,कैप्टन आशुतोष कुमार और पैरा ट्रुपर अब्दुल क्यूम. 29 सितंबर 2016 की रात में इन्होंने सरहद पार कई आतंकी कैपों का सफाया किया. राष्ट्रपति भवन में हुए इस अलंकरण समारोह में उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री समेत कई मंत्री भी मौजूद थे.
मेजर रजत चन्द्र ने पहले आतंकी ठिकाने को तबाह किया फिर तीन आंतकियों को भी मार गिराया. ऐसे ही मेजर दीपक कुमार उपाध्याय ने सैनिकों को लीड किया, जिन्होंने ऑपरेशन को सही ढंग से अंजाम दिया. अपने किसी भी सैनिक के हताहत हुए बिना आतंकी कैंप को तबाह किया.कैप्टन आशुतोष कुमार ने अपनी निणार्यक सोच और सूझबूझ से चार आतंकियों को मार गिराया. साथ में यह भी सुनिश्चित किया कि ऑपरेशन के दौरान कोई आतंकी बचकर न निकले. पैराट्रूपर अब्दुल क्यूम न केवल स्काउट के रूप में सैनिकों को आतंकी ठिकाने तक ले गए बल्कि आतंकियों के बंकर और संतरी पोस्ट को बरबाद किया.
इससे पहले 20 मार्च को भी सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम देने वाले दो जाबांजों मेजर रोहित सूरी को कीर्ति चक्र और नायक सूबेदार विजय कुमार को शौर्य चक्र से राष्ट्रपति ने सम्मानित किया था.
इन जबांजों ने अपनी जान पर खेलकर पाकिस्तान कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादियों के लांचिंग पैड पर हमला कर कई आतंकियों को मार गिराया था. आपको बता दें कि पिछले साल 29 सितंबर की रात को हुए हमले में सेना के सर्जिकल स्ट्राइक में पैरा कमांडोज़ ने हिस्सा लिया था.
जब कश्मीर के उड़ी में सेना के शिविर पर आतंकी हमले में 19 जवानों के शहीद होने के बाद सेना ने आतंकियों के लाचिंग पैड पर एलओसी पार कर सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया था जिसमें कई आतंकी मारे गए थे. सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान सेना के पैरा बटालियन के जवानों ने आतंकियों की कमर ही तोड़ दी और ऐसा जख्म दिया जिसे भरने में कई साल लग जाएंगे.
मेजर रजत चन्द्र ने पहले आतंकी ठिकाने को तबाह किया फिर तीन आंतकियों को भी मार गिराया. ऐसे ही मेजर दीपक कुमार उपाध्याय ने सैनिकों को लीड किया, जिन्होंने ऑपरेशन को सही ढंग से अंजाम दिया. अपने किसी भी सैनिक के हताहत हुए बिना आतंकी कैंप को तबाह किया.कैप्टन आशुतोष कुमार ने अपनी निणार्यक सोच और सूझबूझ से चार आतंकियों को मार गिराया. साथ में यह भी सुनिश्चित किया कि ऑपरेशन के दौरान कोई आतंकी बचकर न निकले. पैराट्रूपर अब्दुल क्यूम न केवल स्काउट के रूप में सैनिकों को आतंकी ठिकाने तक ले गए बल्कि आतंकियों के बंकर और संतरी पोस्ट को बरबाद किया.
इससे पहले 20 मार्च को भी सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम देने वाले दो जाबांजों मेजर रोहित सूरी को कीर्ति चक्र और नायक सूबेदार विजय कुमार को शौर्य चक्र से राष्ट्रपति ने सम्मानित किया था.
इन जबांजों ने अपनी जान पर खेलकर पाकिस्तान कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादियों के लांचिंग पैड पर हमला कर कई आतंकियों को मार गिराया था. आपको बता दें कि पिछले साल 29 सितंबर की रात को हुए हमले में सेना के सर्जिकल स्ट्राइक में पैरा कमांडोज़ ने हिस्सा लिया था.
जब कश्मीर के उड़ी में सेना के शिविर पर आतंकी हमले में 19 जवानों के शहीद होने के बाद सेना ने आतंकियों के लाचिंग पैड पर एलओसी पार कर सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया था जिसमें कई आतंकी मारे गए थे. सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान सेना के पैरा बटालियन के जवानों ने आतंकियों की कमर ही तोड़ दी और ऐसा जख्म दिया जिसे भरने में कई साल लग जाएंगे.
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