काठमांडू/नई दिल्ली:
पिछले महीने आए विशानकारी भूकंप से भारी तबाही से नेपाल अभी उबर भी नहीं पाया था कि मंगलवार दोपहर आधे घंटे के अंतराल पर भूकंप के कई जोरदार झटके महसूस किए गए। इस भूकंप से अब तक 68 लोगों के मारे जाने और एक हजार से ज्यादा लोग घायल होने की खबर है।
इस ताजा भूकंप से पहले से खौफजदा लोग एक बार फिर कांप उठे, जो 25 अप्रैल को आए 7.9 तीव्रता के भूकंप के बाद से खुले में रह रहे थे। उस भूकंप में गांव के गांव जमींदोज हो गए, कई बड़ी इमारतें धराशाई हो गईं और 8,000 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी।
अमेरिका के जिओलॉजिकल सर्वे के मुताबिक 12 बजकर 35 मिनट पर भूकंप आया, जिसका केंद्र काठमांडू के 83 किलोमीटर पूर्व में माउंट एवरेस्ट के करीब 15 किलोमीटर की गहराई में था। एजेंसी ने पहले भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 7.4 मापी थी, लेकिन बाद में इसकी तीव्रता 7.3 बताई। भूकंप के तगड़े झटके के बाद छह आफ्टरशाक्स भी महसूस किए गए, जिनकी रिक्टर पैमाने पर तीव्रता पांच से अधिक थी।
पिछले महीने धरती के करवट बदलने से सबसे ज्यादा प्रभावित दोलाखा और सिंधुपाल चौक जिलों पर इस बार भी भूकंप का सबसे ज्यादा असर पड़ा।
भारतीय वायु सेना ने मंगलवार के भूकंप के बाद आठ हेलीकॉप्टरों को नेपाल में तैनात किया और उनमें से एक ने प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण भी किया।
नेपाल सहित भारत के कई हिस्सों के आए शक्तिशाली भूकंप के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हालात का जायजा लिया और सभी संबंधित अधिकारियों को जरूरत के अनुसार राहत और बचाव अभियानों के लिए अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए।
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने कहा, 'प्रधानमंत्री ने नेपाल और भारत के कुछ हिस्सों में आए ताजा शक्तिशाली भूकंप के बाद एक उच्च स्तरीय बैठक में हालात का जायजा लिया।' पीएमओ ने कहा, 'प्रधानमंत्री ने सभी संबंधित अधिकारियों को जरूरत के अनुसार बचाव एवं राहत अभियान चलाने के लिए अलर्ट रहने का निर्देश दिया।'
7.3 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप का केंद्र नेपाल में था। भूकंप के कारण दिल्ली, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल समेत उत्तर और पूर्वी भारत के कई हिस्से हिल गए जिससे लोगों में डर का माहौल बन गया। भूकंप के झटकों के बाद दिल्ली मेट्रो की सेवा कुछ देर के लिए रोक दी गई।
कोलकाता में हजारों लोग अपने घर और दफ्तर से बाहर भागते हुए देखे गए। बिहार की राजधानी पटना में लोग अपने घरों से बाहर निकलकर खुले स्थान पर चले गए। इसी तरह की खबरें असम और दूसरे पूर्वी राज्यों से भी हैं। भूकंप के झटके चेन्नई तक महसूस किए गए। भूकंप के बाद दिल्ली सचिवालय के साथ ही कई सरकारी भवनों को तुरंत खाली करा लिया गया।
नेपाल में आज के भूकंप के बाद इस देश के एकमात्र अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को कुछ देर के लिए बंद कर दिया गया और काठमांडू आने वाले विमानों को दूसरी जगह भेजा गया। अधिकारियों ने सभी स्कूलों को अगले दो दिन बंद रखने का आदेश दिया।
राजधानी काठमांडू में भूकंप का तेज झटका महसूस किया गया, जहां लोग घबराकर अपने घरों से बाहर निकल आए। अधिकारियों ने लोगों से खुले स्थानों पर चले जाने को कहा।
धरती के डोलने से नेपाल में कई स्थानों पर भूस्खलन हुआ और इमारतें गिर पड़ीं। पिछले महीने नेपाल में जो भूकंप आया वह नेपाल के 80 बरस के इतिहास में अब तक का सबसे भीषण भूकंप है, जिसके बाद 150 से ज्यादा झटके आए।
आज के इस भूकंप का प्रभाव भारत के उत्तर, पूर्वी और पूर्वोत्तर भागों में भी महसूस किया गया। भारत में भी करीब 17 लोगों की मौत हुई है। इसके अलावा चीन में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए, जहां तिब्बत में एक महिला की मौत हुई। (एजेंसी इनपुट के साथ)
इस ताजा भूकंप से पहले से खौफजदा लोग एक बार फिर कांप उठे, जो 25 अप्रैल को आए 7.9 तीव्रता के भूकंप के बाद से खुले में रह रहे थे। उस भूकंप में गांव के गांव जमींदोज हो गए, कई बड़ी इमारतें धराशाई हो गईं और 8,000 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी।
अमेरिका के जिओलॉजिकल सर्वे के मुताबिक 12 बजकर 35 मिनट पर भूकंप आया, जिसका केंद्र काठमांडू के 83 किलोमीटर पूर्व में माउंट एवरेस्ट के करीब 15 किलोमीटर की गहराई में था। एजेंसी ने पहले भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 7.4 मापी थी, लेकिन बाद में इसकी तीव्रता 7.3 बताई। भूकंप के तगड़े झटके के बाद छह आफ्टरशाक्स भी महसूस किए गए, जिनकी रिक्टर पैमाने पर तीव्रता पांच से अधिक थी।
पिछले महीने धरती के करवट बदलने से सबसे ज्यादा प्रभावित दोलाखा और सिंधुपाल चौक जिलों पर इस बार भी भूकंप का सबसे ज्यादा असर पड़ा।
भारतीय वायु सेना ने मंगलवार के भूकंप के बाद आठ हेलीकॉप्टरों को नेपाल में तैनात किया और उनमें से एक ने प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण भी किया।
नेपाल सहित भारत के कई हिस्सों के आए शक्तिशाली भूकंप के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हालात का जायजा लिया और सभी संबंधित अधिकारियों को जरूरत के अनुसार राहत और बचाव अभियानों के लिए अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए।
PM directed all concerned authorities to be on alert for carrying out rescue and relief operations, as required.
— PMO India (@PMOIndia) May 12, 2015
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने कहा, 'प्रधानमंत्री ने नेपाल और भारत के कुछ हिस्सों में आए ताजा शक्तिशाली भूकंप के बाद एक उच्च स्तरीय बैठक में हालात का जायजा लिया।' पीएमओ ने कहा, 'प्रधानमंत्री ने सभी संबंधित अधिकारियों को जरूरत के अनुसार बचाव एवं राहत अभियान चलाने के लिए अलर्ट रहने का निर्देश दिया।'
7.3 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप का केंद्र नेपाल में था। भूकंप के कारण दिल्ली, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल समेत उत्तर और पूर्वी भारत के कई हिस्से हिल गए जिससे लोगों में डर का माहौल बन गया। भूकंप के झटकों के बाद दिल्ली मेट्रो की सेवा कुछ देर के लिए रोक दी गई।
कोलकाता में हजारों लोग अपने घर और दफ्तर से बाहर भागते हुए देखे गए। बिहार की राजधानी पटना में लोग अपने घरों से बाहर निकलकर खुले स्थान पर चले गए। इसी तरह की खबरें असम और दूसरे पूर्वी राज्यों से भी हैं। भूकंप के झटके चेन्नई तक महसूस किए गए। भूकंप के बाद दिल्ली सचिवालय के साथ ही कई सरकारी भवनों को तुरंत खाली करा लिया गया।
नेपाल में आज के भूकंप के बाद इस देश के एकमात्र अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को कुछ देर के लिए बंद कर दिया गया और काठमांडू आने वाले विमानों को दूसरी जगह भेजा गया। अधिकारियों ने सभी स्कूलों को अगले दो दिन बंद रखने का आदेश दिया।
राजधानी काठमांडू में भूकंप का तेज झटका महसूस किया गया, जहां लोग घबराकर अपने घरों से बाहर निकल आए। अधिकारियों ने लोगों से खुले स्थानों पर चले जाने को कहा।
धरती के डोलने से नेपाल में कई स्थानों पर भूस्खलन हुआ और इमारतें गिर पड़ीं। पिछले महीने नेपाल में जो भूकंप आया वह नेपाल के 80 बरस के इतिहास में अब तक का सबसे भीषण भूकंप है, जिसके बाद 150 से ज्यादा झटके आए।
आज के इस भूकंप का प्रभाव भारत के उत्तर, पूर्वी और पूर्वोत्तर भागों में भी महसूस किया गया। भारत में भी करीब 17 लोगों की मौत हुई है। इसके अलावा चीन में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए, जहां तिब्बत में एक महिला की मौत हुई। (एजेंसी इनपुट के साथ)
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