पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा ने माना है कि सत्ता में रहने के दौरान अपने निष्ठावान नेताओं के हितों की रक्षा नहीं कर पाना जनता दल सेकुलर (जदएस) की एक ‘गलती' थी और इससे पार्टी को ‘नुकसान' हुआ है. जदए के वयोवृद्ध नेता ने नेताओं और कार्यकर्ताओं से पार्टी में ‘नयी ऊर्जा का संचार करने' का आह्वान करते हुए यह स्वीकारोक्ति की जो बीते एक साल में अपनी ‘ चमक गंवा' बैठी है. पार्टी अगले विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी है जो 2023 में हो सकते हैं. पार्टी के निष्ठावान नेताओं के नाम 14 जुलाई को लिखे एक पत्र में उन्होंने मतभेदों के बावजूद पार्टी के लिए काम करने और संगठन के प्रति प्रतिबद्धता बनाए रखने के लिए उनकी सराहना की.
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के साथ हाथ मिलने का जदएस नेतृत्व का निर्णय पार्टी के कुछ नेताओं को रास नहीं आया था. गौड़ा ने लिखा, ‘‘ विधानसभा चुनाव (2018 में) हुए करीब ढाई साल हो गये हैं, एक साल में चुनावी तापमान फिर बढ़ने लगेगा. जिन लेागों ने पार्टी के लिए प्रतिबद्धता के साथ काम किया, मैं उन सभी के उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूं.''
उन्होंने कहा, ‘‘दुर्भाग्य से गठबंधन सरकार में हमारी पार्टी के शामिल होने और एच डी कुमारस्वामी के मुख्यमंत्री रहने के बावजूद हम आपके हितों की रक्षा नहीं कर पाये और स्पष्ट मन से मैं मानता हूं कि यह गलती थी.'' 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस और जदएस ने सबसे बड़े दल भाजपा को सत्ता से बाहर रखने के लिए गठबंधन किया था.
बहरहाल, अंदरूनी मतभेदों एवं लोकसभा चुनाव में करारी शिकस्त के बाद अंदरूनी कलह के चलते, पिछले साल जुलाई में गठबंधन सरकार गिर गयी.
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